देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है। बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, विनिर्माण व कंस्ट्रक्शन क्षेत्र जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान करेंगे। सरकार 29 फरवरी को जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी। रिपोर्ट के अनुसार, सख्त मौद्रिक नीतियों और अन्य चुनौतियों के बीच दुनिया में मंदी का खतरा बना हुआ है। इनसे वैश्विक विकास प्रभावित होने का जोखिम है। घरेलू स्तर पर लचीलेपन के कारण भारतीय जीडीपी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी 6.8 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। 2024-25 में यह 6.75-6.8 फीसदी रह सकती है। हालांकि, विपरीत वैश्विक स्थितियों के कारण निर्यात प्रभावित हो सकता है।
कृषि और उद्योग क्षेत्र में धीमी रहेगी वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, कषि और उद्योग क्षेत्र में धीमी वृद्धि रहेगी। सेवा क्षेत्र में तेज वृद्धि की उम्मीद है। औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर जहां 8 फीसदी रह सकती है, वहीं खनन और विनिर्माण की वृद्धि दर छह और 8.6 फीसदी रह सकती है। हालांकि, दूसरी तिमाही की तुलना में यह कम रह सकती है। ट्रैक्टर और दोपहिया वाहनों की बिक्री में नरमी से ग्रामीण मांग धीमी होने की आशंका है। हालांकि, जनवरी में ई-वे बिल जेनरेशन में वृद्धि से सेवाओं को कुछ मदद मिलेगी।
सेवा क्षेत्र : 6.7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगा आगे
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी रिपोर्ट में कहा, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में निर्माण क्षेत्र की विकास दर बेहतर रह सकती है। इस दौरान सेवा क्षेत्र 6.7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। दूसरी तिमाही में इसकी वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही थी। तीसरी तिमाही के दौरान कारोबार, होटल और परिवहन क्षेत्र की विकास दर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है। कर्ज वितरण की अच्छी सि्थति से वित्तीय क्षेत्र 6.5 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकता है।