लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल सदस्यता अभियान के प्रदेश प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के डिप्टी गर्वनर माईकल देवव्रत पात्रा ने देश की जनता को बर्गलाने के लिए अर्थव्यवस्था की हालत पर लिखे लेख में कहा है कि मंहगाई के खिलाफ जारी जंग का सुखद नतीजा भविष्य में सामने आयेगा और विदेशी निवेशकों में नया जोश भर जायेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी ने भविष्य के लिए एक और पात्रा प्रवक्ता के रूप में तैयार करने का कुचक्र रचना शुरू कर दिया है। जिस देश में गरीब की थाली के नमक और आटा दाल पर जीएसटी वसूली जाती हो वहां मंहगाई के खिलाफ सुखद नतीजा सोचना बेइमानी के अलावा कुछ नहीं है।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि अपने देश में अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान है जो भाजपा शासन में असहाय और बर्बाद है। केन्द्र सरकार ने किसानों पर काले कानून लागू करने का कुचक्र स्वयं रचा और संसद के दोनो सदनों मे बिना बहस के वे कानून पूंजीपतियों के पक्ष और किसानों के विरोध में पास करा दिये गये।
एक वर्ष तक किसानों ने लाखों की तादात में दिल्ली के आस पास जाड़ा गर्मी बरसात झेलते हुये खुले आसमान के नीचे धरना प्रदर्शन किया लगभग 800 किसानों को अपने जीवन की बलि देनी पड़ी लेकिन केन्द्र सरकार के किसी भी प्रतिनिधि द्वारा संवेदना का एक शब्द भी व्यक्त नहीं किया गया। यद्यपि इस धरने और प्रदर्शन से अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसानों की जीत हुयी और काले कानून सरकार को वापस लेने पडे फिर भी आज तक सरकार ने एमएसपी पर गारण्टी का कानून नहीं बनाया जिससे स्पष्ट है कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के प्रति कोई योजना नहीं रखती।
सदस्यता अभियान प्रभारी ने कहा कि जिस देश में रूपये के अवमूल्यन और भुखमरी का प्रतिशत बढ़ना तथा मंहगाई बेरोजगारी और भिक्षावृत्ति का लगातार बढ़ना देखने में आता हो। वहां की सरकार को नैतिकता के आधार पर शासन छोड देना चाहिए। यद्यपि देश की जनता ने मन बना लिया है कि 2024 में केन्द्र सरकार की बिदाई करके भाजपामुक्त नई सरकार का गठन किया जायेगा जो इस बात प्रमाण होगा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, लौहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, लोकनायक जयप्रकाश नारायन तथा किसान मसीहा एवं पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने की नींव पड चुकी है।