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मेवाड़ वंश का इतिहास भारत के लिए गर्व का विषय- अनिल सिंह गहलोत

मेवाड़ वंश का इतिहास भारत के लिए गर्व का विषय- अनिल सिंह गहलोत

Lucknow के गोमतीनगर स्थित एसकेडी एकेडमी परिसर में भारतीय क्षत्रिय समाज (Kshatriya Samaj) के तत्वाधान में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें मेवाड राज वंश के गोलोकवासी अरविंद सिंह मेवाड़ (Arvind Singh Mewar) उदयपुर के निधन पर गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की गईं। इस अवसर पर उनके पुत्र, भारतीय क्षत्रिय समाज संगठन के संरक्षक महाराज कुमार डॉ (Dr Laxyaraj Singh Mewar) लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ भी उपस्थित थे।

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मेवाड़ वंश का इतिहास भारत के लिए गर्व का विषय- अनिल सिंह गहलोत

सभा की शुरुआत भारतीय क्षत्रिय समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सिंह गहलोत (Anil Singh Gehlot) ने अरविंद सिंह मेवाड़ को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की। उन्होंने बताया कि मेवाड़ वंश का इतिहास भारत के लिए गर्व का विषय है। खासकर भारत के विभाजन के समय, जब मोहम्मद अली जिन्ना ने मेवाड़ वंश को पाकिस्तान में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, तब मेवाड़ वंश ने स्वाभिमान को प्राथमिकता देते हुए उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और भारत में ही रहने का निर्णय लिया। इससे यह साबित होता है कि मेवाड़ वंश ने अपने देश प्रेम और स्वाभिमान को हमेशा सर्वोपरि रखा है।

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इस श्रद्धांजलि सभा में क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पंकज सिंह भदोरिया (Dr Pankaj Singh Bhadoria) ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम हमारे अराध्य और महाराणा प्रताप हमारे पूज्य हैं। उन्होंने बताया कि आज भी मेवाड़ वंश के आदर्श और संस्कारों से हमें जीवन की सच्ची दिशा और मर्यादा की शिक्षा मिलती है। इस वंश की परंपराएं हमेशा सनातन धर्म और कर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं।

सभा में एसकेडी सिंह, प्रोफेसर ध्रुव सेन सिंह, प्रोफेसर मंजरी सिंह, हनुमान मंदिर के मुख्य सेवादार डॉ विवेक तांगड़ी, ओपी सिंह सूर्यवंशी, जितेंद्र सिंह, जय सिंह, अरुण कुमार सिंह, विशाल चंद्र शाही, प्रदीप सिंह बब्बू, ऋद्धि किशोर गौड़, प्रमित सिंह, कुंवर प्रदीप सिंह, हिमांशु, पप्पू सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। इस श्रद्धांजलि सभा ने मेवाड वंश के योगदान और उनके ऐतिहासिक महत्व को पुनः सबके सामने प्रस्तुत किया।

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