राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कोरोना काल में सराहनीय सेवा हेतु इक्कीस स्वयं सेवी संस्थाओं को प्रशस्ति पत्र सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि लाक डाउन ने आपदा को अवसर में बदलने का मौका दिया और भारत पीपीई किट और मास्क बनाने में आत्मनिर्भर बना और दुनिया के अनेक देशों में यहां से दवा भेजने का भी मौका मिला।
यह संस्कृति और संस्कार भारत में है और यहां के लोगों में भी है कि वे संकट में फंसे पड़ोसी की मदद करे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक टीबी रोग से मुक्त भारत की बात की है तथा इसी क्रम में हमें उत्तर प्रदेश को भी 2025 तक टीबी मुक्त प्रदेश बनाना है। इस कड़ी में आज इक्कीस स्वयं सेवी संस्थाओं ने लखनऊ के क्षय रोग ग्रस्त बच्चों को गोद लेने का पुनीत एवं सराहनीय कार्य किया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि गोद लिए गए ये बच्चे यथाशीघ्र स्वस्थ होकर एक स्वस्थ जीवन जी सकेंगे। जिन स्वयं सेवी संस्थाओं ने लाक डाउन के दौरान जिले में जरूरतमंदों एवं प्रवासी श्रमिकों को भोजन आदि के प्रबंधन में उल्लेखनीय योगदान दिया,उन्हीं संस्थाओं ने टीबी ग्रस्त बच्चों को भी गोद लेने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि गत 30 मई को लखनऊ के बाहर के 2.82 लाख लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कराने में दिन रात मेहनत कर इन संस्थाओं ने जिला प्रशासन की हर सम्भव सहायता की।
स्वयं सेवी संस्थाओं के सम्मान समारोह कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि लाक डाउन शुरू होने के पश्चात प्रदेश व देश में अभूतपूर्व संकट का सामना आम जनता व प्रवासी श्रमिकों को करना पड़ा और ऐसी विकट परिस्थिति मेें राज्य सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं ने मिलकर उनके भोजन, ठहरने व गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में परिवहन की व्यवस्था करके उन्हें हर तरह से मदद पहुंचायी।
उसके लिए लखनऊ के जिलाधिकारी व यहां की स्वयं सेवी संस्थाएं बधाई की पात्र हैं। ऐसी संस्थाओं का सम्मान करना हमारे लिए भी गौरव की बात है। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन ने भी राजभवन के आस-पास तैनात सुरक्षाकर्मियों के लिए चाय,नाश्ता व भोजन का प्रबन्ध कराया।