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विज्ञान संचार से रसायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः प्रो मनोज मिश्र

• अवध विवि के पत्रकारिता विभाग में विज्ञान संचार से फसलों में कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वरकों के रोकथाम विषय पर व्याख्यान का आयोजन

अयोध्या। डाॅ राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में सोमवार को अपराह्न ‘विज्ञान संचार से फसलों में कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वरकों के रोकथाम’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता वीर बहादुर सिंह पूर्वांच्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर के जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो मनोज मिश्र रहे।

विज्ञान संचार से रसायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः प्रो मनोज मिश्र

उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थियों को विज्ञान संचार से जागरूक करते हुए कहा कि वर्तमान में किसानों द्वारा उपज को बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग तेजी के साथ बढ़ा है। इसका हम सभी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। हाल ही में पूरी दुनियां कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों की समस्याओं से सामना कर रही है, क्योंकि ज्यादातर ये रसायन प्रकृति प्रदत्त और उसके साथ सहज नहीे है।

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कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में इनका प्रयोग उच्च मात्रा में होने से विकासशील देशों में समस्या का कारण बन गई है। ये रसायन पारिस्थितिक तंत्र के माध्यम से मानव में प्रवेश करते है और विभिन्न प्रकार के रोगों का कारण बन रहे है। कार्यक्रम में प्रो मिश्र ने कहा कि आज भी ग्रामीण किसान वैज्ञानिक जानकारी के अभाव में इन रसायनों के शिकार हो रहे है। इससे उत्पन्न हुई उपज से मानव भी कई बीमारियों से पीड़ित हो रहे है।

विज्ञान संचार से रसायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः प्रो मनोज मिश्र

उन्होंने पत्रकारिता के विद्यार्थी से कहा कि विज्ञान संचार से ही इन समस्याओं से लोगों को जागरूक कियया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में परम्परागत मीडिया अपना धर्म निभा रही है। विज्ञान पत्रकारिता के लिए युवा पत्रकारों को आगे आना होगा। जिससे फसलों में कीटनाशकों एवं रासायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम किया जा सके।

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कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमसीजे समन्वयक डाॅ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने बताया कि फसलों में कीटनाशकों के प्रयोग को कम करने के लिए विज्ञान संचारक के रूप महती भूमिका निभा सकते है। देश में आये दिन अनुसंधान हो रहे है। अन्तर्वस्तु की समझ न होने के कारण अधिकतर लोगों को जागरूक नहीे कर पा रहे है। ऐसे में विज्ञान पत्रकारिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर सकते है।

विज्ञान संचार से रसायनिक उर्वरकों के प्रभाव को कम किया जा सकता हैः प्रो मनोज मिश्र

कार्यक्रम में अतिथि का स्वागत विभाग के शिक्षक डाॅ आरएन पाण्डेय व डाॅ अनिल कुमार विश्वा द्वारा अंगवस्त्रम भेटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर गीताजंलि मिश्रा, आशु शुक्ला, पारूल, आदित्य शुक्ला, अविनाश त्रिपाठी, देवेन्द्र सिंह, श्रुति यादव, मोहित मौर्य, विजय सिंह, दिवाकर पाण्डेय, शिवम पाण्डेय, अतुल यादव, श्रवण यादव, उपदेश यादव, आदित्य शुक्ला, अविनाश त्रिपाठी, काजल तिवारी, एकता वर्मा, कल्पना पाण्डेय, गार्गी पाण्डेय, ग्रेसी यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रही।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह

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