Breaking News

व्यवहारिक जीवन में संस्कार का महत्त्व- आनन्दी बेन

लखनऊ। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा है कि शिक्षा सिर्फ सर्टिफिकेट प्राप्त करने की प्रक्रिया मात्र नहीं है। ये उन चारित्रिक गुणों का उच्चतम विकास भी करती है, जिनका प्रारम्भ घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक शिक्षा से होता है। ये वो संस्कार देती है, जिसका हम अपने व्यवहारिक जीवन में उपयोग करते हैं।

आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में रामा विश्वविद्यालय, कानपुर का द्वितीय दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी उपस्थित थे. राज्यपाल ने कहा कि कहा कि शिक्षा-दीक्षा का उद्देश्य केवल उपाधि प्राप्त करने तक सीमित नहीं है। इसके बाद समाजिक जीवन में अपने ज्ञान के समुचित उपयोग और जीवन लक्ष्यों को लगन से पूरा करने पर सफलता हासिल होगी। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी था, जब महिलाएं अपने मौलिक आवश्यकताओं के लिए भी संघर्ष करती रही हैं। आज बेटियों को आगे बढ़ने के अवसर मिल रहे हैं।राज्यपाल ने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता से जुड़ाव और समर्पण रखने के लिए विशेष रूप से प्रेरित किया।

उन्होंने रोजगार परक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों को न सिर्फ नौकरी के साथ जोड़कर बनाया गया है, बल्कि स्वावलम्बन,योग्य और संस्कार युक्त शिक्षा देने पर भी ध्यान दिया गया है। इसी क्रम में उन्होंने विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रदेश और केन्द्र सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ उठाकर वे अपना स्टार्ट अप प्रारम्भ कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हमारे युवा नौकरी लेने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनें। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों को क्षमता सम्बर्द्धन, व्यवहारिक ज्ञान और सामाजिक सहयोग वाले छोटे-छोटे प्रोजेक्ट कार्यों से जोड़ने को भी कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों के कार्यों में भी सहभागिता करनी चाहिए। उन्होंने #विश्वविद्यालयों को आंगनवाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर सुविधा सम्पन्न बनाने, क्षय रोगियों को उचित चिकित्सा व्यवस्था और पोषण हेतु गोद लेने, बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु वैक्सीन लगवाने में सहभागिता करने की चर्चा भी की।

कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल द्वारा “जल भरो” कार्यक्रम से किया गया। राज्यपाल ने मटकी में जलधारा डालकर जल संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा जितना जल वर्ष भर में उपयोग में लाया जाता है, वो उतने जल संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास करें। उन्होंने कानपुर में गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल रखने में शासन स्तर के कार्यों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर भी जुड़ाव रखने की अपील की।

About Samar Saleel

Check Also

शाहजहांपुर के मिर्जापुर में उमड़ी किसानों की भीड़, पुलिस ने कराया वितरण

शाहजहांपुर के मिर्जापुर स्थित साधन सहकारी समिति में गुरुवार को सुबह से ही खाद का ...