महाभारत की रणभूमि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण पर ब्रह्मसरोवर में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा की डुबकी लगाई। कड़ाके की ठंड के बीच देश भर से श्रद्धालु मोक्ष की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे।
शंखनाद एवं मंत्रोच्चारण के बीच नागा साधुओं के स्नान के साथ सूर्य ग्रहण स्नान की शुरूआत हुई। सुबह 8 बजकर 18 सेकेंड पर सूर्यग्रहण की शुरुआत होते ही सन्निहित सरोवर व ब्रह्मसरोवर में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पितरों के निमित्त तर्पण भी किया। दान देकर पुण्य भी कमाया। धार्मिक शोध केंद्र के संचालक ऋषभ वत्स ने बताया कि इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगा। इस दिन पितृदोष शांति और पिछले जन्म के पापों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति के लिए उपाय किए जाते हैं लेकिन सूर्य ग्रहण लगने से अमावस्या के ये उपाय सूतक लगने से पहले ही कर लिये गए।
टेलीस्कोप से श्रद्धालुओं ने लाइव देखा सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण की रोमांचक खगोलीय घटना के नजारे का पैनोरमा में श्रद्धालुओं ने लाइव लुत्फ उठाया। यहां खगोलीय घटनाओं में रुचि रखने वालों को ग्रहण का नजारा दिखाने के लिए टेलीस्कोप लगाए गए थे। सुबह आठ बजकर 18 मिनट 18 सेकेंड से ग्रहण शुरू होते ही श्रद्धालु उमड़ पड़े। टेलीस्कोप के जरिये आंशिक सूर्य ग्रहण का नजारा देखा गया। यह सूर्यग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा लेकिन इसकी कंकण आकृति केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि दक्षिण भागों में दिखेगी शेष भारत में यह खंड ग्रास के रूप में दिखाई दिया।