• मीरजापुर में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल
• पानी की कीमत समझाने के लिए “जल ज्ञान यात्रा” का आयोजन
• छात्रों ने देखी हर घर जल योजना से बदलते गांव की तस्वीर
• “जल है तो कल है, जल ही जीवन है” जैसे स्लोगन से दिया जल संरक्षण का संदेश
• नुक्कड़-नाटक के जरिए जल संचयन और संरक्षण के प्रति बच्चों को किया जागरूक
मीरजापुर। मां विंध्यवासिनी की नगरी मीरजापुर में गुरुवार को जल ज्ञान यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा का आयोजन नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल पर जल जीवन मिशन के तहत किया गया। स्कूली छात्र-छात्राओं को सुमतियां ग्राम पेयजल योजना का भ्रमण कराया गया। यहां उन्हें ओवर हैड टैंक दिखाया गया।
बच्चों ने ग्रामीण परिवारों को पहुंचाई जा रही पानी सप्लाई की प्रक्रिया देखी। छात्रों ने जल जांच प्रयोगशाला में पानी की गुणवत्ता को खुद जांचकर देखा और जल जीवन मिशन से ग्रामीणों को मिल रही स्वच्छ पेयजल के लाभ की जानकारी हासिल की।
मीरजापुर में आयोजित जल ज्ञान यात्रा को जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर एडीएम नमामि गंगे देवेंद्र प्रताप सिंह, अधिशासी अभियंता राजेन्द्र कुमार मौजूद रहे। डीएम प्रियंका निरंजन ने छात्रों को जल के महत्व के साथ हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवारों के जीवन में आए बदलाव की जानकारी दी।
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छात्रों ने जिलाधिकारी के साथ सेल्फी लेकर जल ज्ञान यात्रा को यादगार बना दिया। स्कूली बच्चों को जल निगम (ग्रामीण) प्रयोगशाला में जल नमूनों की जांच करके दिखाई गई।
विशेषज्ञों ने छात्रों को इस बारे में बताया कि पानी में कितने तरह की अशुद्धियां पाई जाती हैं और उन्हें कैसे दूर किया जाता है। बच्चों को पानी में क्लोरीन की उपयोगिता भी बताई गई। स्कूली बच्चों के लिए अपने हाथों से पानी गुणवत्ता की जांच करना एक नया अनुभव था, जिसे लेकर वे काफी उत्साहित दिखे।
स्कूली बच्चों ने रंगोली के माध्यम से हर घर जल योजना से बदलते गांव की तस्वीर दिखाई। “जल है तो कल है, जल ही जीवन है” जैसे स्लोगन के जरिए समाज को जल संरक्षण का संदेश भी दिया।
नुक्कड़-नाटक के माध्यम से जल संचयन और जल संरक्षण के प्रति स्कूली बच्चों को जागरूक किया गया। स्कूली बच्चों के लिए जल जागरूकता पर आधारित निबंध प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। इसमें बच्चों ने पूरे उत्साह से भाग लिया और पानी की उपयोगिता पर निबंध लिखे।