यूक्रेन से चल रहे महायुद्ध और दुनिया के शीर्ष देशों की उपेक्षा झेल रहे रूस ने अब अगले विनाशकारी कदम में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दुश्मनों को ठिकाने लगाना शुरू कर दिया है।
हालांकि क्रेमलिन के सभी विरोधी पहले ही जेल या निर्वासन में हैं। प्रेस आउटलेट और मानवाधिकार समूहों को बंद करने के लिए मजबूर किया जा चुका है। केवल तीन सप्ताह के भीतर, रूस की सुरक्षा सेवाओं और अदालतों ने कथित दुश्मनों, जासूसों और गद्दारों को ठिकाने लगाने के अपने अभियान में नई सीमाएं पार कर ली हैं।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर की जमानत रद्द करने के बाद विपक्षी राजनेता व्लादिमीर कारा मुर्जा को देशद्रोह के आरोप में 25 साल की सजा सुनाई गई। उधर, पुतिन के प्रमुख आलोचक एलेक्सी नवलनी को जेल में जमकर यातनाएं दी जा रही हैं। कुछ दिन पहले जेल प्रहरियों ने उन्हें बुरी तरह पीट दिया। उन्हें अस्पताल तक भर्ती किया गया।
एक तरफ पुतिन के निर्देश पर रूसी आर्मी यूक्रेन में तबाही मचा रही है। दूसरी तरफ क्रेमलिन रूस में ही पुतिन के दुश्मनों को ठिकाने पर लगा रहे हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेर्शकोविच को रूसी सीमा में गिरफ्तार किया गया।
उन पर अपने सूत्रों से बात करने और रूस की जासूसी करने का आरोप लगा है। रूसी अदालत ने उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद सोमवार को विपक्षी राजनेता व्लादिमीर कारा-मुर्जा को देशद्रोह और यूक्रेन में रूस के युद्ध के बारे में “झूठी सूचना” फैलाने के आरोप में 25 साल की सजा सुनाई गई।
24 फरवरी 2021 को यूक्रेन से ऐलान-ए-जंग की शुरुआत करके रूस तमाम पश्चिमी देशों को अपना दुश्मन बना चुका है। अमेरिका भी कई मोर्चों पर उसके खिलाफ मुखर रहा है। सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय पाबंदिया झेलने के बाद भी पुतिन ने यूक्रेन मे अपने कदम पीछे नहीं हटाए हैं। उधर, यूक्रेन भी पश्चिमी देशों की मदद से रूस के खिलाफ डटकर खड़ा है।