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इस देश की संसद में जल्द पास होगा ‘मैरी योर रेपिस्ट’ कानून जिसके खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग व किया ये…

तुर्की में इन दिनों एक विवादास्पद कानून को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है. तुर्की की संसद में इस महीने के अंत में पेश होने वाला यह बिल 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने वाले बलात्कारियों से जुड़ा है. इस कानून का विरोध कर रहे लोग अभी से सड़कों पर उतर चुके हैं.

कथित ‘मैरी योर रेपिस्ट’ कानून को तुर्की संसद में पास किए जाने की तैयारी चल रही है. इस बिल को लेकर देश में महिला अधिकारों के प्रचारकों में बड़ा रोष देखने को मिल रहा है. इस कानून के तहत यदि कोई अपराधी रेप पीड़िता से शादी करने के लिए तैयार हो जाता है तो उसे बरी कर दिया जाएगा. आलोचकों का कहना है कि यह कानून न केवल बाल विवाह और कानूनी तौर पर बलात्कार को बढ़ावा देगा, बल्कि बच्चों के साथ होने वाली हिंसा और यौन शोषण की गतिविधियों को भी मजबूत करेगा. विपक्षी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचडीपी) भी सरकार के इस अनैतिक कानून का विरोध कर रही है.

साल 2016 में पेश हुआ ऐसा ही एक बिल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद वापस लेना पड़ा था. यह कानून 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार करने वाले दोषियों का बचाव करता है.

संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने भी ‘मैरी यॉर रेपिस्ट’ को लेकर चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इससे बाल उत्पीड़न की समस्या पैदा होगी. साथ ही पीड़ितों को अपने हमलावरों से अतिरिक्त दुर्व्यवहार और संकट का सामना करना पड़ेगा.

मिडिल ईस्ट समेत पाकिस्तान, नॉर्थ अफ्रीका और अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों और उनके संरक्षण का मुद्दा उठानी वाली सामाजिक कार्यकर्ता साउद अबु-दय्यैह ने भी इसे लेकर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि ये बड़ी हैरानी की बात है कि राजनेता खुद एक ऐसे बिल की पैरवी कर रहे हैं जो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अपराधियों को माफी देता है.

साउद अबु-दय्यैह ने कहा, ‘लड़कियों की सुरक्षा के खिलाफ इस कानून का विरोध कर रहे सभी कैंपेनर्स पर मुझे गर्व है. मैरी यॉर रेपिस्ट’ जैसा विवादित कानून मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका जैसे देशों की किताबों में भी रह चुका है.’

तुर्की में लड़कियों की शादी के लिए जहां 18 साल की आयु जरूरी है. वहीं, 2018 में सरकार द्वारा जारी एक रिपोर्ट कहती है कि यहां पिछले एक दशक में 482,908 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं. यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में 38 प्रतिशत महिलाएं और लड़कियां अपने ही पार्टनर के हाथों शारीरिक प्रताड़ना और यौन हिंसा का शिकार हुई हैं. ‘वी विल स्टॉप फेमिसाइड’ नाम के संगठन का कहना है कि साल 2017 में तकरीबन 409 महिलाओं की हत्या पार्टनर या परिवार के किसी सदसस्य द्वारा ही की गई है.

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