लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने लोकसभा में प्रस्तुत किये गये बजट का अध्ययन करने के पश्चात अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट को 2024 की दृष्टि से लोकलुभावन बनाकर आम जनता को झुनझुना दिखाया गया है। वास्तविकता यह है कि इसमें देश के करोड़ों बेरोजगार युवकों से सम्बन्धित किसी भी प्रकार को कोई जिक्र नहीं है और 2014 से किसानों को आय दुगुनी होने का जो लाॅलीपाॅप दिखाया जा रहा है उस सम्बन्ध में भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है।
रामाशीष राय ने कहा कि वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री द्वारा 2 करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने का वादा देश के बेरोजगार युवाओं के साथ किया गया था परन्तु 2 पंचवर्षीय योजना बीतने के बावजूद 2 करोड़ लोगों को भी नौकरियां नहीं मिल सकी है जबकि वादे के मुताबिक अब 20 करोड़ नौकरी मिलनी चाहिए थी। इस प्रकार युवाओं के साथ देश के वित्त मंत्री ने धोखा किया है।
इसी प्रकार किसानों के लिए 2 गुनी आय का सपना सपना ही रह गया और उनकी किसान सम्मान निधि तक में कोई बढोत्तरी नहीं की गयी और न ही कृषि यंत्रों की खरीद पर जीएसटी में कमी की गयी। खाद और बीज तथा बिजली के बिल इत्यादि में भी किसानों को कोई राहत नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि युवाओं और किसानों की अनदेखी के अतिरिक्त भी षिक्षा और स्वास्थ्य के बजट से भी आम जनता असंतुष्ट है क्योंकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों के इन्फ्रा स्ट्रक्चर और दवा प्रबंधन सर्वथा सोचनीय रहा है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी में लाखों लोगों की अकाल मृत्यु हुयी थी और केन्द्र सरकार ने अब तक न ही उनकी आश्रितों की कोई मदद की और न ही उनकी सरकारी नौकरियों से सम्बन्धित बजट में देखने को मिला। यही स्थिति किसान आन्दोलन में शहीद हुये लगभग 750 किसानों को न ही संसद में प्रधानमंत्री की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पण किये गये और न ही वित्त मंत्री ने अपने बजट में उनके आश्रितों के लिए कोई प्रावधान किया।
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पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने के सम्बन्ध में भी केन्द्र सरकार पूर्णतः मौन धारण किये हुए है जो स्पष्ट रूप से सरकारी कर्मचारी की अपेक्षा है। जबकि अपनी पेंशन के लिए कर्मचारी लगातार आवाज उठा रहे हैं। आयकर में भी छूट स्पष्ट न होने से भ्रमजाल बना हुआ है।