लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने केंद्र सरकार पर लगातार आठवें दिन पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी को जनता के साथ अन्याय बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अपना राजस्व बढ़ाने के लिए पेट्रोल-डीजल को ही अपना साधन बना लिया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय संपूर्ण एशिया में केवल भारत में ही सबसे ज्यादा टैक्स लिया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल डीजल की कीमतें बहुत ही कम है और इसका लाभ देश की जनता को देने की बजाए केंद्र सरकार ने लगातार 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर देश की भोली-भाली जनता के साथ अन्याय किया है और उनकी जेब पर डाका डाला है।
मई 2014 में कच्चे तेल की कीमत 106 डॉलर प्रति बैरल थी तो देश में पेट्रोल की कीमत ₹71.40 पैसे प्रति लीटर थी। अब जब कच्चे तेल का दाम घटकर 38 डॉलर प्रति बैरल हो गया तो पेट्रोल की कीमत ₹75 से भी अधिक हो गई है।
केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल पर लगातार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर अपना खजाना भरने का काम कर रही है, जिसका बोझ आम जनमानस पर पड़ रहा है उन्होंने कहा कि ‘देश के प्रधानमंत्री जब गुजरात में मुख्यमंत्री थे तो पेट्रोल डीजल की बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा था की पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से साफ जाहिर होता है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से विफल और नाकारी है’ परंतु आज पेट्रोल डीजल के दामों में लगातार वृद्धि पर वह अपने उस बयान को याद नहीं कर रहे हैं।
केंद्र सरकार से पेट्रोल डीजल के दामों में की गई बढ़ोतरी को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल डीजल की गिरी कीमतों का लाभ देश की जनता को देने का काम करें ना कि अपने राजस्व को बढ़ाने का साधन बनाये।