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वायु प्रदूषण और उसकी गुणवत्ता को लेकर बना ‘इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट प्लेटफॉर्म

• समुदाय और सरकार के साझा प्रयासों से लाएंगे वायु गुणवत्ता में सुधार: असर

लखनऊ। अपने-अपने शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण से चिंतित संगठनों और व्यक्तियों के पास अब एक प्रभावशाली मंच ‘इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट प्लेटफॉर्म (आईसीएसी)’ है. ‘इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव’ और ‘असर सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर्स’ के सहयोग से इसे ‘सेंसिंग लोकल’ द्वारा तैयार किया गया है. यह भारत में वायु गुणवत्ता पर कार्य करने वालों और इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराने वालों के लिए एक सशक्त समुदाय-केंद्रित डिजिटल हब है, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता के मुद्दे पर सहयोगात्मक कार्रवाई को सुगम बनाना और देश में वायु प्रदूषण पर अग्रिम कार्रवाई करना है.

वायु प्रदूषण भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य के समक्ष मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है. देश में हर साल होने वाली कुल मौतों में लगभग एक-तिहाई मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती हैं. दुनिया के शीर्ष 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से लगभग 70% भारत में हैं. इसके अलावा, अधिकांश भारतीय शहर डब्ल्यूएचओ के वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में लगातार विफल साबित हो रहे हैं, जिससे देश की अधिकांश आबादी वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों का सामना कर रही है. साथ ही, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के बीच गहरा संबंध है और ये अक्सर एक-दूसरे को प्रभावित भी करते हैं. हालांकि, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं.

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इस समस्या के समग्र समाधान के लिए विभिन्न हितधारकों (नीति निर्माता, नागरिक, संगठन और अन्य हितधारक) को उपायों पर कंधे-से-कंधा मिलाकर काम करने की आवश्यकता है. अध्ययनों के मुताबिक वर्तमान में वायु गुणवत्ता बेहतर करने के लिए ऐसी व्यवस्थित कार्रवाई नहीं की जा रही है. सेंसिंग लोकल के सह-संस्थापक अंकित भार्गव ने कहा, “निरर्थक प्रयासों या इसके दोहराव को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता संगठनों ने हितधारकों को एकजुट करने, सूचना और जानकारी संबंधी कमियों को दूर करने और क्षेत्रवार एवं प्रादेशिक प्रगति की निगरानी की तात्कालिक जरूरतों की पहचान की और इन्हें पूरा करने के लिए आईसीएसी तैयार किया गया.

यह मंच साझा रिसोर्स पूल को बढ़ावा देने, समान समूहों के शिक्षण-प्रशिक्षण और प्रयासों को दिशा बद्ध करने के लिए जानकारियां, अवसर और आंकड़े एकत्र करता है.” इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट 16 देशों के 100 से अधिक शहरों में 350 से अधिक वायु गुणवत्ता तत्वों के डेटाबेस के साथ-साथ आंकड़े, सूचना और जानकारी के 74 अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्रोतों और इस इकोसिस्टम में कार्यरत 70 से अधिक नेटवर्क के आधार पर तैयार किया गया है.

यह भारत में विभिन्न क्षेत्रों और इलाकों में वायु गुणवत्ता पर काम करने वाले संगठनों, व्यक्तियों और नेटवर्क को वायु प्रदूषण पर सामूहिक कार्रवाई के लिए एक मंच पर लाता है. उसके लिए यह इकोसिस्टम के हितधारकों को सहयोग करने, लक्ष्यबद्ध होने और पूरे देश में क्रियाकलापों के समन्वय के मौके प्रदान करता है. यह मंच संवाद, ज्ञान साझा करने और शिक्षण-प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में भी कार्य करता है और कार्यक्रमों, रोजगार अवसरों, वित्तीय सहयोग की संभावनाओं और रिसोर्स पोर्टल के बारे में प्रासंगिक और उपयुक्त जानकारी प्रदान कर हितधारकों को आपस में जोड़ता है.

विशेष रूप से, इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट का लक्ष्य वायु गुणवत्ता पर कार्यरत विभिन्न क्षेत्रों और हितधारकों के बीच संगठनात्मक संरचनाओं, सीमित संवाद और अलग-अलग प्राथमिकताओं के कारण पैदा होने वाले अलगाव को ख़त्म करना है, जिस कारण ये वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले कारकों के जटिल परस्पर प्रभाव का निपटारा करने में अक्सर विफल साबित होते हैं. वायु गुणवत्ता की चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई जरूरी है क्योंकि ये जटिल, परस्पर संबद्ध और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी हुई हैं.

ऐसे में समग्र दृष्टिकोण भी आवश्यक है. असर के चीफ ऑफ कम्युनिकेशन्स एंड इंगेजमेंट बृकेश सिंह ने कहा, “वायु प्रदूषण जटिल चुनौती है जिससे निपटने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक कार्रवाई जरूरी है. इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट मुख्य कमियों को दूर करने और व्यापक इकोसिस्टम सहयोग, क्षेत्रीय साझेदारी और नवीन समाधानों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह अनूठा और विशिष्ट वेबसाइट विभिन्न वायु गुणवत्ता तत्वों को एक साथ लाता है, उनकी कोशिशों को मज़बूत करता है और इकोसिस्टम को फलने-फूलने का मौका देता है.”

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इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट के मुताबिक सामूहिक कार्रवाई को बढ़ाने में सूचना और जानकारी की कमी भी एक बाधा है. ऐसे में इसका एक महत्वपूर्ण कार्य भारत में वायु गुणवत्ता पर जानकारी एकत्रित करना और इसे अपने उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ नॉलेज डेटाबेस के रूप उपलब्ध कराना भी है. इस प्लेटफ़ॉर्म पर आवश्यक सरकारी विज्ञापन, सार्वजनिक स्रोतों से प्राप्त प्रासंगिक वायु गुणवत्ता आंकड़े और वायु प्रदूषण पर नई-पुरानी रिपोर्टों का संग्रह उपलब्ध रहेगा. उपयोगकर्ता राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) से संबंधित सिटी और माइक्रो-एक्शन प्लान के साथ-साथ भारत से संबंधित वायु गुणवत्ता डेटा, सूचना और जानकारी उपलब्ध कराने वाले रिसोर्स पोर्टल की एक व्यापक सूची भी यहाँ प्राप्त कर सकते हैं.

इस प्लेटफ़ॉर्म पर वायु गुणवत्ता से संबंधित प्रमुख ऑनलाइन और ऑफ़लाइन कार्यक्रमों और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के बारे में ताजातरीन जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगी, जो व्यक्तियों के साथ-साथ संगठनों को वायु गुणवत्ता इकोसिस्टम के साथ बेहतर रणनीति से जुड़ने में मदद करेगा. इसके अलावा, आईसीएसी लोकोपकारी वित्तीय सहायता प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है. इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव के सीईओ श्लोका नाथ ने कहा, “भारत में वायु गुणवत्ता इकोसिस्टम अव्यवस्थित है और इसे मिलने वाली बहुत कम वित्तीय मदद भी खास भौगोलिक क्षेत्रों और संगठनों तक ही सीमित है.

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इस वास्तविकता को पहचानते हुए, आईसीएसी प्लेटफ़ॉर्म इकोसिस्टम के प्रति ऐसा नजरिया अपनाता है, जो भारत में प्रभावी स्वच्छ वायु कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण है. यह मंच फंडर्स को वायु गुणवत्ता पर काम करने वाले विभिन्न हितधारकों के साथ सहभागिता करने, साक्ष्य के आधार पर इकोसिस्टम की प्राथमिकताओं को समझने और समान विचार वाले हितधारकों की खोज कर उनके साथ साझेदारी करने का सार्वजनिक स्थान उपलब्ध करा सकता है”.

सामूहिक प्रयास नीतियों को दिशाबद्ध करते हैं, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाते हैं, स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते हैं और स्थानीय सीमाओं से आगे जाकर दीर्घकालिक सुधारों को बढ़ावा देते हैं. इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट का लक्ष्य भारत में स्वच्छ हवा संबंधी सहयोगी तंत्र की इस क्षमता का उपयोग करना है, ऐसे में यह वायु गुणवत्ता क्षेत्र में काम करने वाले सभी हितधारकों को इस मंच में शामिल होने, सहयोग करने और सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए आमंत्रित करता है.

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