पहले जम्मू और अब CAA को लेकर मलयेशियाई पीएम महातिर मोहम्मद हिंदुस्तान पर निरंतर हमलावर हैं। हिंदुस्तान ने सबक सिखाने के लिए पहले तो मलयेशिया से पाम ऑइल के निर्यात पर बैन लगाया था, लेकिन अब उसने बैन का दायरा बढ़ाने का मन बनाया है। केंद्र सरकार मलयेशिया से निर्यात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स के निर्यात को भी प्रतिबंध कर सकती है।
हिंदुस्तान का मानना है कि कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून, दोनों उसके आंतरिक मसले हैं और इन पर बोलने का मलयेशियाई पीएम को कोई हक नहीं है। हालांकि महातिर मोहम्मद ने भी साफ किया है कि वह इसी तरह हिंदुस्तान के आंतरिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहेंगे। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मलयेशिया से आयात होने वाली माइक्रप्रोसेसर्स चिप को हिंदुस्तान टेक्निकल ग्राउंड्स पर बैन करने पर विचार कर रहा है। इन चिपों का इस्तेमाल टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में होता है।
सूत्रों के अनुसार, कस्टम अफसरों को मलयेशिया से आने वाली माइक्रोप्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है। यह शायद पहला मामला है जब हिंदुस्तान ने किसी देश के राजनीतिक विचारों को लेकर उस पर इस तरह के कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हों।
दूसरी तरफ मंगलवार को मोहम्मद महातिर ने कहा कि वह हिंदुस्तान द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर चिंतित हैं, मगर वह ‘गलत चीजों’ के खिलाफ लगातार बोलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम हिंदुस्तान द्वारा पाम ऑइल पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वह हमारा एक बड़ा ग्राहक था। हालांकि बेबाकी से बोलें तो हमें चीजों पर नजर रखनी होगी और कहीं कुछ गलत हो रहा है तो बोलना भी होगा।