लखनऊ। सिमरन साधना परिवार के तत्वावधान में ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिंडोला में तीसरा बसंत समागम गुरुमत समागम के रूप में अत्यधिक श्रद्धा और सम्मान के साथ आयोजित किया गया। ये समागम सरदार बलवंत सिंह मक्कड़ की स्नेहमयी स्मृति में आज 26 मार्च को आयोजित किया गया।
इस अवसर पर श्री रहिरास साहिब के पाठ के उपरान्त सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने पारंपरिक वाद्यों के साथ-साथ पश्चिमी वाद्यों पर गुरबानी कीर्तन गायन किया। लवप्रीत कौर ने नाम सिमरन, गुरकीरत कौर ने शबद “सुन सुन जीवां तेरी बाणी।” दिव्यांशी दुआ की बसंत राग में शबद गायन किया, परमजीत कौर ने शबद हउ सदके तिन्हा गुरसिखां एवं अनूप सिंह ने शबद गुर जी के दर्शन कउ बलि जाउ। और अदिति महरोत्रा ने रंग रता मेरा साहिब रवि रहिए भरपूर शबद सुनकर समूह संगत मंत्रमुग्ध हो गई।
समूह संगत ने भक्तिमय शबद जय-जय कार करे सब कोई गायन करते हुए पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब पर पुष्प अर्पित किए। गुरकीरत कौर, लवप्रीत कौर और दिव्यांशी दुआ ने की-बोर्ड, आदिति अग्रवाल ने गिटार बजाया।
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हरमीत सिंह, प्रभजोत सिंह, अनूप सिंह और दीप सिंह दुआ ने तबला बजाया। प्रभजोत कौर दुआ, हरजोत कौर दुआ, परमजीत कौर, सुरेंद्र कौर, सुखप्रीत कौर और वानिया आहूजा ने हारमोनियम बजाया।
सिमरन साधना परिवार की मुख्य संयोजक रमनजोत कौर मक्कड़ ने सतपाल सिंह मीत के साथ पूरे समागम का समन्वय किया। अंत में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेंद्र सिंह बग्गा ने बच्चों reeder को प्रेरणामय शब्दों से प्रेरित किया और बच्चों को प्रमाण पत्र व ट्राफी प्रदान की।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी