रूपे कार्ड के बाद भारत का दूसरा पेमेंट गेट-वे भीम यूपीआई (BHIM UPI) अब भूटान पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारतीय विदेश मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय ने मिलकर इस व्यवस्था की भूटान में शुरुआत की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयोजित एक आभासी समारोह में भूटान के अपने समकक्ष वित्तमंत्री ल्यिन्पो नामगे शेरिंग के साथ संयुक्त रूप से भीम-यूपीआई का शुभारंभ किया। इस व्यवस्था के शुरू होने से भूटान और भारत के व्यापारियों को व्यापार करने में आसानी होगी। साथ ही हर साल भारत से भूटान जाने वाले 2,00,000 से अधिक सैलानियों को भी लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर भारतीय विदेश मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय ने मिलकर भूटान में इस व्यवस्था की शुरुआत की
इस अवसर पर अपने संबोधन में वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा कि भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति के तहत भूटान में ये सेवाएं शुरू की गई हैं। भारत को अपनी इस उपलब्धि पर गर्व है और इसे अपने मूल्यवान पड़ोसी के साथ साझा करते हुए बेहद खुशी महसूस हो रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि भीम-यूपीआई भारत की प्रगति के सबसे उज्ज्वल पड़ावों में से एक है और कोविड -19 महामारी के काल में डिजिटल लेनदेन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले पांच वर्षों में 100 मिलियन से अधिक यूपीआई क्यूआर बनाए गए हैं और वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान भीम-यूपीआई ने 41 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 22 अरब लेनदेन को पूरा करने में योगदान किया है।
भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति के तहत भूटान में ये सेवाएं शुरू की गई हैं
भूटान के वित्तमंत्री ने भारत सरकार को दिया धन्यवाद: वहीं भूटान के वित्त मंत्री ल्यिन्पो नामगे शेरिंग ने भूटान में भीम-यूपीआई सेवाओं के शुभारंभ के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया और इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध दिनोंदिन मजबूत होते गए हैं।
यूपीआई मानकों को अपनाने वाला पहला देश बना भूटान: भूटान अपने क्यूआर के उपयोग के लिए यूपीआई मानकों को अपनाने वाला पहला देश है और भीम ऐप के माध्यम से मोबाइल आधारित भुगतान को स्वीकार करने वाला हमारा पहला निकट पड़ोसी देश है।
समारोह में कई गणमान्य अतिथि हुए शामिल: इस समारोह में राज्यमंत्री (वित्त) डॉ. भागवत किशनराव कराड, भूटान के रॉयल मॉनेटरी अथॉरिटी के गवर्नर दाशो पेनजोर, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा, भूटान में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज, भारत में भूटान के राजदूत जनरल वी. नामग्याल और एनपीसीआई के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने भी भाग लिया।