- Published by- @MrAnshulGaurav
- Monday, June 06, 2022
विगत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश विधानसभा अनेक अद्भुत अवसरों की साक्षी बनी है . इस अवधि में अभिनव प्रयोग भी किये है। दो वर्ष पहले पूरी तरह पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया था। सतत विकास के लक्ष्यों पर छत्तीस घण्टे निरन्तर चर्चा की गयी थी। महात्मा गांधी की एक सौ पचासवीं जयन्ती कार्यक्रम पर विधान मण्डल का विशेष सत्र आहूत किया गया था।
वर्तमान विधानसभा के अधिवेशन से पहले व्यवस्था को ई-विधान के रूप में परिवर्तित किया गया। यह कार्य आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में सम्पादित हुआ। इसके साथ ही यह आगामी पच्चीस वर्ष के लक्ष्य निर्धारण का अमृत काल भी है। इसमें विधानसभा की महत्वपूर्ण भूमिका है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करने में सहायक बन रही है.
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आयोजित इस विशेष सत्र के दौरान अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने उप्र विधान सभा के गौरवशाली इतिहास को याद किया। सुचेता कृपलानी प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। यह महिला सशक्तिकरण का प्रमाण है .इस समय आनन्दी बेन पटेल राज्यपाल है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव देश के स्वावलंबन का प्रतीक है। यह महोत्सव प्रधानमंत्री के नेतृत्व में गुजरात के साबरमती आश्रम से शुरू हुआ है.
उत्तर प्रदेश ने देश को नौ प्रधानमंत्री दिये हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उत्तर प्रदेश से सांसद हैं। इस समय राष्ट्रपति भी उत्तर प्रदेश से हैं.योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इतिहास के पन्न में आजादी के कुछ ऐसे भी नायक रहे हैं जिन्हें उचित स्थान नहीं मिल पाया लेकिन उनके योगदान को भूला नहीं जा सकता।
आज देश आजादी का अमृत महात्सव मना रहा है। देश के सपनों को पूरा करने और आगे बढ़ने का यह महोत्सव हमें प्रेरणा देगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पच्चीस वर्षों के लिए अमृत काल के रूप में निर्धारित किया है। पांच जनवरी 1887 को विधानमण्डल का गठन किया गया। पहले विधान परिषद के बैठने का स्थान निर्धारित नहीं था। उप्र विधान सभा का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस विधानमण्डल ने देश को तीन प्रधानमंत्री दिए है .