लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कोरोना महामारी के तीसरी लहर होने की प्रबल संभावना होने की आशंका पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आंशकाओं के मद्देनजर सरकार तैयारियां नही कर रही है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ व्यवस्थाएं खस्ता हालत है। जनप्रतिनिधियों द्वारा अस्पतालों का गोद लेने से क्या होगा जहा देश मे हेल्थ प्रोफेशनल, जिसमें डॉक्टर, नर्सेस, तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है।
दूसरी लहर ने रहे हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेनकाब कर दिया। अस्पतालों के बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, डॉक्टर, और प्रशिक्षित पैरामेडिकल प्रोफेशनल की कमी से देश जूझ रहा है। इसका दुष्परिणाम भारी संख्या में हुयी मौतों के रूप में हमें झेलना पड़ा।
श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि कोरोना से होने वाली मौत के 72 प्रतिशत से ज्यादा मामले ग्रामीण भारत के जिलों से आए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के 63 प्रतिशत आंकड़े भी इन्हीं जिलों से आए हैं। ग्रामीण इलाके स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 76 प्रतिशत और डॉक्टरों की जरूरत है। जबकि 56 प्रतिशत रेडियोग्राफर्स और 35 प्रतिशत लैब टेक्नीशियन की जरूरत है।
ये आंकड़े बताते हैं कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हेल्थकेयर प्रोफेशनल की स्थिति बेहद खराब है। कोरोना की दूसरी लहर ने भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को गंभीर रूप से उजागर कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा संक्रमण एक और अधिक चिंताजनक विषय है। जिसे सरकार को गंभीरता से देखने की आवश्यकता है।
श्री सिंह ने आगे यह भी कहा है कि गांव को सरकार गोद लेने से ज्यादा बेहतर होगा कि सरकार धरातल पर उतर कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की जानकारी लें।