रियाद। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर सोमवार को यहां प्रथम भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल हुए। सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय नेतृत्व के अलावा जीसीसी सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें की।
जीसीसी बैठक से इतर जयशंकर ने सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान अल सऊद और कतर के पीएम एवं विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात की, जिस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति का जायजा लिया और उन्हें और बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की। इसके अलावा जयशंकर ने ओमान के अपने समकक्ष बद्र अलबुसैदी के साथ बैठक में रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर ध्यान केंद्रित किया।
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इसके अलावा जयशंकर ने बहरीन के विदेश मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल ज़ायनी से मुलाकात की, जिस दौरान दोनों नेताओं के बीच संयुक्त आयोग की शीघ्र बैठक पर सहमति बनी। विदेश मंत्री ने ब्राजील के अपने समकक्ष मौरो विएरा के साथ जी20, ब्रिक्स और यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की।
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जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फिर मिलकर अच्छा लगा। कुवैत में हाल ही में हुई हमारी सार्थक बैठक को याद किया। हमारे संयुक्त आयोग की प्रारंभिक बैठक के माध्यम से द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा भारत और जीसीसी के बीच राजनीतिक, व्यापार एवं निवेश, ऊर्जा सहयोग, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों सहित कई क्षेत्रों में गहरे और बहुआयामी संबंध हैं। जीसीसी क्षेत्र भारत के लिए एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार के रूप में उभरा है और यहां लगभग 89 लाख की संख्या में एक बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है।
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यह बैठक भारत-जीसीसी के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संस्थागत सहयोग की समीक्षा करने और उसे गहरा करने का अवसर होगी। इससे पहले जयशंकर ने रविवार को रियाद में सऊदी राष्ट्रीय संग्रहालय और किंग अब्दुलअजीज फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड आर्काइव्स का दौरा किया।
रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी