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झारखंड में हो रही कोरोना वैक्सीन की बर्बादी पर केन्द्र और राज्य सरकार के बीच में शुरू हुई जंग, जाने पूरा मामला

झारखंड में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को लेकर एक बार फिर केन्द्र और राज्य सरकार आमने-सामने हैं. केन्द्र सरकार ने कोविन ऐप के आंकड़ों के आधार पर झारखंड में टीकों की 33.95 प्रतिशत खुराकों की बर्बादी की बात कही तो झारखंड सरकार ने इसे पुराने आंकड़े बताते हुए दावा किया कि राज्य में टीके की बर्बादी पिछले दो सप्ताह में साढ़े चार प्रतिशत से घटकर सिर्फ डेढ़ प्रतिशत रह गयी है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में टीकाकरण अभियान को राज्य में लगातार गति दी जा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) झारखण्ड के पास उपलब्ध टीके के आंकड़ों के अनुसार 26 मई तक झारखंड में टीके की कवरेज 40,12,142 थी, जो आठ जून की सुबह तक 46,07,189 खुराक तक पहुंच गई.

टीकाकरण अभियान को और गति देकर टीके की बर्बादी को कम किया जा रहा है. राज्य सरकार टीकाकरण केन्द्र में यह सुनिश्चित कर रही है कि टीके की खुराकों की बर्बादी ना हो. इस वर्ष 26 मई तक राज्य में टीके की बर्बादी 4.5 प्रतिशत के करीब थी, जो घटकर अब 1.5 प्रतिशत से भी कम हो गई है.

झारखंड के अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अरुण सिंह ने बताया कि गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस सिलसिले में पत्र लिख कर कहा गया था कि केन्द्र सरकार कोविन ऐप पर अपने आंकड़ों को तुंरत दुरुस्त करे.

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