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हाई ब्लड प्रेशर कितने प्रकार का होता है? डॉक्टर से जानें

ब्लड प्रेशर धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव है। आपको बता दें कि धमनियां रक्त को हृदय से शरीर के कई अंगों तक ले जाती हैं। जब धमनियों की दीवारों पर रक्त का दबाव लगातार और अधिक होता है, तो इस स्थिति को हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in Hindi) के रूप में जाना जाता है।

इस स्थिति में हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जब ब्लड प्रेशर 120/80 एमएमएचजी से अधिक होता है, तो यह स्थिति हाई ब्लड प्रेशर की होती है। लेकिन ब्लड प्रेशर अचानक से नहीं बढ़ता है। खराब लाइफस्टाइल, खान-पान और तनाव की वजह से पहले हृदय प्रभावित होता है। ब्लड प्रेशर के कई प्रकार होते हैं। आइए, फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं-

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण- High Blood Pressure in Hindi

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हालांकि, हाई ब्लड प्रेशर का कोई संकेत या लक्षण नहीं होता है। कई लोगों को तो हाई ब्लड प्रेशर का पता भी तब चलता है, जब स्थिति गंभीर रूप ले लेती है। ऐसे में नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करवाकर ही इसका पता लगाया जा सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर के प्रकार- Types of High Blood Pressure in Hindi

1. प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर- Primary Hypertension

प्राइमरी हाइपरटेंशन में आपको लक्षणों का अनुभव नहीं होता है। नियमित ब्लड प्रेशर की जांच करवाने से आपको प्राइमरी हाइपरटेंशन के बारे में पता लग सकता है। जो लोग नियमित बीपी चेक नहीं करवाते हैं, उन्हें इसके बारे में पता नहीं चल पाता है। लेकिन अगर इस स्थिति में लाइफस्टाइल और खान-पान पर ध्यान दिया जाए, तो ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखा जा सकता है। हाई ब्लड प्रेशर मोटापा और डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाता है।

2. सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर- Secondary Hypertension

प्राइमरी के बाद सेकेंडरी ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ सकता है। इस स्थिति में ब्लड प्रेशर के लक्षण (Blood Pressure Symptoms in Hindi) अचानक बढ़ जाते हैं। आपको बता दें कि 5-10 प्राइमरी हाई बीपी वाले लोगों में सेकेंडरी हाई बीपी विकसित हो सकता है। इनमें से कुछ लोगों का इलाज हो जाता है और कुछ को गंभीर स्थितियों का सामना करना पड़ता है।

3. जेस्टेशनल हाइपरटेंशन- Gestational Hypertension

जब गर्भवती महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या (High BP in Pregnancy) विकसित होती है, तो इस स्थिति को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है। इस स्थिति में मातृ मृत्यु और भ्रूण दोषों का जोखिम अधिक रहता है। इस स्थिति का इलाज करना बहुत जरूरी होता है।

4. प्रतिरोधी हाई ब्लड प्रेशर- Resistant Hypertension

जब हाइपरटेंशन की 2 या ज्यादा दवाइयां व्यक्ति पर काम नहीं करती है, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है। यानी इसमें व्यक्ति में एंटीहाइपरटेंसिव थेरेपी काम नहीं करती है। इन लोगों को प्रतिरोधी हाई ब्लड प्रेशर का निदान होता है। हाई ब्लड प्रेशर के 10 फीसदी मरीजों में प्रतिरोधी हाई बीपी के मामले देखने को मिलते हैं। इन लोगों में हृदय रोगों और अंगों के डैमेज होने का जोखिम बढ़ जाता है। प्रतिरोधी हाई ब्लड प्रेशर मौत का भी एक बड़ा कारण बन सकता है।

हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के उपाय

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए के द्वारा बताए गए टिप्स फॉलो करें-

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इसे कंट्रोल करने के लिए सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए धूम्रपान या फास्ट फूड आदि का सेवन करने से बचें।
हाई बीपी के रोगियों को नमक और शराब का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
इसके लिए आपको अपने वजन को भी नियंत्रण में जरूर रखना चाहिए।
तनाव, हाई ब्लड प्रेशर का एक कारण हो सकता है। ऐसे में आपको तनाव लेने से बचना चाहिए।

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