राजधानी सहित पूरे प्रदेश में आज भाई-बहनों का पवित्र पर्व Bhai Dooj भैयादूज या भातृद्वितिया मनायी जा रही है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बहनों के घर भोजन करने से भाइयों को अकालमृत्यु का भय नहीं रहता है। भैयादूज की तिथि को बहनों के यहां भोजन करने का खास महत्व है। यम ने अपनी बहन यमुना से नोत लेने के बाद यह वरदान दिया कि इस दिन जो भाई, बहन के यहां भोजन करेगा व आशीर्वाद लेगा, उसकी उम्र बढ़ेगी व बहनों का सुहाग अमर रहेगा। इस दिन यमुना में स्नान की भी परंपरा है।
Bhai Dooj : पूरे दिन रहेगा शुभ महूर्त का योग
ज्योतिषियों के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितिया शुक्रवार को लगभग पूरे दिन रहेगा। अनुराधा नक्षत्र और शोभन योग में भैयादूज मनायी जाएगी। कार्तिक मास में प्रात:स्नान का खास महत्व है। इसलिए प्रात:स्नान के बाद बहनें भाइयों के लिए गोधन कूटती हैं और उसके बाद पूजन होता है। बहनें भाइयों के दीघार्यु की कामना के साथ गोधन कूटती हैं। गोबर के राक्षस की आकृति बनाकर पूजा करती हैं। फिर उसे डंडे से पीटती हैं।
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भाई दूज मुहूर्त:
सुबह- 9:20 से 10:35 तक
दोपहर-1:20 से 3:15 तक
शाम-4:25 से 5:35 और 7:20 से रात 8:40 तक