योगा एक्सपर्ट्स कहते हैं कि हलासन एक मध्यम स्तर का #योगासन है, जिसमें जरूरत के अनुसार कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं। #हलासन ऐसी योग मुद्रा है जो न सिर्फ शरीर को मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसके साथ-साथ इससे मस्तिष्क व आंखों जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है।
हलासन करने का तरीका (How to do Halasana)
समतल स्थान पर मैट अथवा दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
पीठ के बल लेटने के बाद दोनों हाथों को मैट पर रखें।
अब धीरे धीरे अपने पैरों को एक सीध में ऊपर उठाएं।
फिर कमर के सहारे अपने सिर के पीछे ले जाएं.
इसे तब तक सिर के पीछे ले जाएं, जब तक पैर जमीन को न छू लें।
इसके बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहें।
फिर अपनी नार्मल पोजीशन में आ जाएं, इस योग को रोजाना 5 बार जरूर करें।
हलासन के अभ्यास में सावधानियां (Precautions in the practice of Halasana)
इसका अभ्यास किसी योग्य #योग ट्रेनर की देखरेख में ही शुरू करें।
जिन लोगों को गर्दन में चोट की समस्या है वह इसका अभ्यास न करें।
हाई बीपी और अस्थमा के मरीज भी इसका अभ्यास न करें।
दिमाग को शांति मिलती है।
ये रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ता है।
कमर दर्द दूर होने में मदद मिलती है।
स्ट्रेस और थकान से निपटने में भी मदद करता है।
वजन घटाने में मदद करता है।
यह पाचन तंत्र के अंगों की मसाज करता है।
शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
रीढ़ की हड्डी और कंधों को खिंचाव मिलता है।
ये थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी समस्याएं दूर करता है।