केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर बुधवार को कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. इन पाबंदियों के बाद बैंक के ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अब खाताधारक अपने अकाउंट से केवल 25 हजार रुपए तक निकाल सकते हैं. RBI ने बयान में बताया कि बैंक के हालात पिछले 3 साल से खराब चल रहे थे. इस दौरान बैंक को लगातार घाटा हुआ है. बैंक को 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में 396.99 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. वहीं इसकी ग्रॉस एनपीए अनुपात 24.45 प्रतिशत था.
बैंक काफी समय से पूंजी संकट से जूझ रहा था और इसके लिए अच्छे निवेशकों की तलाश की जा रही थी. आकड़ों के मुताबिक जून तिमाही में बैंक के पास कुल जमा पूंजी 21,161 करोड़ रुपये थी. इन स्थितियों के बाद आरबीआई ने हाल में इस बैंक का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया था. बैंक के संचालन के लिए RBI ने तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया था.
वहीं, पिछले साल की सितंबर तिमाही में बैंक को 357.17 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. आरबीआई ने डीबीएस बैंक इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक की विलय की प्लानिंग की है. इसका लक्ष्य प्रतिबंध अवधि समाप्त होने से पहले इसे विलय करना का है. इसी तरह की स्थिति पिछले साल सितंबर में पीएमसी बैंक और इस साल मार्च में यस बैंक में सामने आई थी.