लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने आज कहा कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बढ़ते जा रहे प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए 5 राज्यों में चुनाव के फैसले के खिलाफ लोकदल सुप्रीम कोर्ट जायेगा। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 11,089 कोरोना केस दर्ज किए गए हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। देश में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 06 प्रतिशत हो गया है। नए आने वाले कोरोना के मरीजों में करीब आधे ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं। देश के कई हिस्सों में इसका कम्युनिटी ट्रांसमिशन भी शुरू हो चुका है। देश और विदेश के एक्सपर्ट लगातार भारत में ओमिक्रॉन की सुनामी आने की चेतावनी दे रहे हैं संक्रमण रोकने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में चुनाव होने से इसमें और इजाफा सकता है, पिछले चुनाव में ऐसा ही हुआ था। जिसका खामियाजा बंगाल राज्य को चुकाना पड़ा था।
श्री सिंह ने आगे कहा है कि हाईकोर्ट ने पहले से कहा है कि संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनाव को एक-दो माह के लिए टाल दें, क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी। जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में बताया गया है। हाईकोर्ट ने कोरोना के तेजी से फैलने और इसकी वजह से लगातार बढ़ते खतरे पर मीडिया में आई खबरों का हवाला भी दिया था, लेकिन सरकार के दबाव में चुनाव आयोग कठपुतली बनकर बैठा है। कोरोना की वजह से दुनिया भर में चुनाव टले हैं. इसलिए ऐसे लग रहा था कि चुनाव आयोग
कुछ महीनों के लिए चुनाव टाल सकता है, लेकिन चुनाव आयोग ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के विचार से सहमति नहीं दिखाई। कोरोना महामारी से सुप्रीम कोर्ट भी वर्चुअल मीटिंग ले रहा है ऐसे में आम जनता कोरोना संक्रमण से कैसे बच सकती है। जबकि डाक्टर और विशेषज्ञों के आकलन अनुसार फरवरी 2022 में कोरोना की तीसरी लहर अपनी चरम स्तर पर होगी।
इस परिस्थति में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव करवाना उचित नहीं है। महामारी बहुत खतरनाक स्तर तक जा सकती है। ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग को चुनाव को स्थगित करने पर विचार करना चाहिए। श्री सिंह ने आगे कहा है कि वर्तमान में दिल्ली जैसे शहरों लॉकडाउन की व्यवस्था की गयी है। दिल्ली से लगे शहर, गाजियाबाद, फिरोजबाद, अलीगढ़ आदि पश्चिमी क्षेत्रों में कोरोना महामारी की गति बहुत तेज है। ऐसे में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव के फैसले को लेकर पुर्नविचार भी करना चाहिए।
सुनील सिंह ने आगे यह भी कहा है कि लोकदल चुनाव आयोग का सम्मान करता है चुनाव न कराये जाने के पक्ष में नहीं है, लेकिन आयोग को जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए न्याय के साथ चुनाव कराना चाहिए। श्री सिंह ने आगे कहा कि जनता को चुनाव में प्रलोभनों से दूर रहने की जरूरत है क्योंकि राजनैतिक पार्टियां जनता को बहकाने के लिए तरह तरह के लालच देती हैं।
उत्तर प्रदेश सपा, बसपा व भाजपा की सरकारें रही है लेकिन किसी ने किसानों, मजदूरों और युवाओं की समस्यायों की तरफ ध्यान नहीं दिया। युवा अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर लाठियां खाता है लेकिन उसे रोजगार नहीं मिलता इसलिए वह प्रदेश से पलायन करने पर मजबूर हो जाता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की बी टीम सपा, बसपा ने 15 साल प्रदेश को लूटा है। यही कारण है कि सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बाद भी प्रदेश पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। गांव की दशा नहीं बदली सरकार की कार्य प्रणाली के चलते लोग परेशान हैं। इस सरकार ने किसानों, गरीबों और युवाओं को ठगा है साथ ही साथ पूर्व की सरकार ने भी नहीं छोड़ा। सरकार ने युवा के लिए कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सौ से अधिक योजनाएं गरीबों के लिए शुरू की हैं, जो कागजों में और विज्ञापनों में दिखाई देते हैं धरातल पर नहीं । वर्तमान की सरकार एवं पूर्ववर्ती सरकारों
ने अपराधी पाले है। जिससे पूरा प्रदेश डरा हुआ है अपराधी कानून व्यवस्था को अंगूठा दिखा रहे हैं इस गंदगी को साफ करने के लिए विधानसभा 2022 के चुनाव में लोकदल को चुनना होगी। अबकी बार किसानों की सरकार चुननी होगी। अबकी बार किसान मुख्यमंत्री।