Sealing Case : दिल्ली के गोकलपुर में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ कल फैसला सुनाएगी। इस दौरान मनोज तिवारी को कोर्ट में पेश रहना होगा।
Sealing Case : मनोज तिवारी पर एक इमारत की..
मनोज तिवारी पर एक इमारत में की गई सील तोड़ने का आरोप है। दिल्ली में अवैध निर्माण को सील करने की कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर हो रही है। इससे पहले तिवारी की दलील थी कि सीलिंग कमिटी की कार्रवाई अवैध थी।
तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा था कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं बनता था क्योंकि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की है और इस मामले से मॉनिटरिंग कमिटी के निर्देश का कोई लेना देना नहीं था, इसलिए वो माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वो खुद सीलिंग अफसर बनने को तैयार हैं।
मनोज तिवारी ने कहा था कि इसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गैर कानूनी काम किया है और पता नहीं क्या कारण है कि मॉनिटरिंग कमिटी ने ओखला, जामिया, शाहीन बाग, नूर नगर और जौहरी फार्म्स जैसे इलाकों में कोई सीलिंग नहीं कर रही है जबकि वहां पर पांच से सात मंजिला इमारतें बनी हुई हैं। उन्होंने ये भी कहा था कि दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मैं सीलिंग ऑफिसर बनने को तैयार हूं। वहीं, दूसरी ओर मॉनिटरिंग कमिटी ने कोर्ट को बताया था कि तिवारी ने एक इमारत की सील तोड़ी है। ये न सिर्फ सरकारी काम मे दखल है, बल्कि अदालत की भी अवमानना है, ऐसे में तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जानी चाहिए।