गुजरात चुनाव में कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं। राज्य में 27 साल से शासन कर रही भाजपा को शिकस्त देना और नेताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती है। इतना ही नहीं, चुनाव प्रचार में भी भाजपा-‘आप’ के मुकाबले पिछड़ती हुई दिखाई दे रही है।
2017 के विधानसभा चुनाव से अब तक 20 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस नेता रतनभाई पटेल कहते हैं कि चुनाव में आना-जाना लगा रहता है। इसका परिणाम पर असर नहीं पड़ता। दल-बदल से माहौल बनाने में मदद मिलती है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिस तरह पार्टी प्रचार कर रही है, उससे लगता है कि वह गंभीर नहीं है, जबकि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अरविंद केजरीवाल लगातार प्रचार कर रहे हैं। गुजरात में कांग्रेस ने 43 प्रत्याशी तय किए हैं। बाकी की घोषणा जल्द होगी।
गौरतलब है कि 182 सीटों वाली गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। दो चरणों में 01 दिसंबर और 05 दिसंबर को मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान होगा। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी, 2023 को समाप्त हो रहा है।
गुजरात में आमतौर पर सत्तारूढ़ भाजपा और उसकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के बीच आमना-सामना होता रहा है, लेकिन आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) चुनावी मैदान में एंट्री से मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं।
दो दिनों में तीन विधायक भावेश कटारा, मोहन सिंह राठवा और भगाभाई बारड़ पार्टी छोड़ चुके हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, उम्मीदवारों के ऐलान में एहतियात बरती जा रही है, ताकि जिन्हें छोड़ना है वह चले जाएं।