नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश की कैबिनेट की ओर से बुधवार को मंजूरी दी गई. इस रकम का निवेश अगले दो साल में होगा. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बॉन्ड मार्केट के द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाई जा सकेगी. इसके अलावा कैबिनेट ने संकटग्रस्त लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसके साथ ही ATC में एफडीआई को भी मंजूरी दी गई.
कैबिनेट ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) और नीदरलैंड की वेरेनाइजिंग वैन रजिस्टर कंट्रोलर्स (VRC) के बीच सहमति पत्र ( Memorandum of Understanding) को भी अपनी मंजूरी दे दी है. प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का जोर आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने का है. इसके लिए पूंजी जुटाने के लिए अब डेट मार्केट का फायदा उठाया जाएगा.
बता दें कि रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के DBS बैंक में विलय के आदेश दिए थे. ATC Telecom Infra में 2480 करोड़ के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. टाटा समूह की कंपनी एटीसी के 12 फीसदी शेयर एटीसी पैसिफिक एशिया ने लिए हैं.