श्री दत्तात्रेय जयंती और व्रत की पूर्णिमा 11 दिसंबर को है तो वहीं 12 दिसंबर स्नान-दान की पूर्णिमा है। इसके अलावा सूर्य की धनु संक्रांति सायं 3 बज कर 10 मिनट से। संक्रांति का पुण्य काल प्रात: 9 बजकर 15 मिनट से सायं 3 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। वहीं 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो रहे हैं।
10 दिसंबर (मंगलवार)
पिशाच मोचन श्राद्ध। कपर्दीश्वर पूजन दर्शन। शिव चतुर्दशी व्रत। काशी में पिशाच मोचन पर पार्वण की तरह श्राद्ध करने से पिशाच योनि से मुक्ति मिलती है।
11 दिसंबर (बुधवार)
श्री दत्तात्रेय जयंती। त्रिपुर-भैरवी जयंती। व्रत की पूर्णिमा। बत्तीसी पूर्णिमा। श्री सत्यनारायण व्रत।
12 दिसंबर(गुरुवार)
स्नान-दान की पूर्णिमा।
13 दिसंबर (शुक्रवार)
पौष कृष्ण पक्ष प्रारम्भ।
14 दिसंबर (शनिवार)
भद्रा रात्रि 8 बज कर 3 मिनट से।
15 दिसंबर (रविवार)
संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत।
16 दिसंबर (सोमवार)
सूर्य की धनु संक्रांति सायं 3 बज कर 10 मिनट से। संक्रांति का पुण्य काल प्रात: 9 बज कर 15 मिनट से सायं 3 बज कर 5 मिनट तक। धनु (खर) मास आरम्भ। सौर पौष मास आरम्भ।