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जेपी नड्डा की लखनऊ यात्रा के मायने

भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना संकट के दौरान भी अपनी सक्रियता कायम रखी थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ता आपदा राहत कार्यों में अपने अपने स्तर से सहयोग कर रहे थे। इस अवधि में भाजपा नेताओं ने अपने को ट्वीट तक सीमित नहीं रखा। यही कारण है कि अब उनकी चुनावी तैयारियां स्वभाविक रूप से आगे बढ़ रही है। पिछले कुछ दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष,राष्ट्रीय महामंत्री संगठन कई बार उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आ चुके है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काशी यात्रा,गृहमंत्री अमित शाह की लखनऊ,विंध्याचल व काशी यात्रा भी महत्वपूर्ण रही। इन्होंने प्रदेश को पार्टी व सरकार से संबंधित सन्देश दिया।

इसका निहितार्थ था कि भाजपा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और विकास के मुद्दों को एक साथ आगे बढ़ा रही है। इसके अलावा नई दिल्ली में उत्तर प्रदेश के सांसदों के साथ भी महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। दो दिन चली इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व प्रदेश पार्टी अध्यक्ष भी सम्मलित हुए थे। इसमें तय किया गया था कि सभी संसद सदस्य अपने अपने क्षेत्रों में आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे। इसमें केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराया जाएगा। यह बताया जाएगा कि नीति व नेतृत्व के आधार पर भाजपा अन्य पार्टियों से अलग है।

नरेंद्र मोदी जेपी नड्डा,अमित शाह पहले भी योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना कर चुके है। नरेंद्र मोदी ने तो उन्हें योगी के साथ कर्मयोगी बताया था। इस क्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की लखनऊ यात्रा भी महत्वपूर्ण रही। उन्होंने इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह,प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,डा.दिनेश शर्मा, प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल भी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय अध्यक्ष की विधानसभा प्रभारियों के साथ बैठक हुई। इसके अलावा प्रदेश भाजपा कार्यालय में भाजपा सरकार के मंत्रियों, पदाधिकारियों के साथ संगठनात्मक बैठक में वह सम्मलित हुए। भाजपा हाईकमान को उत्तर प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर पूरा विश्वास है। उनका आकलन है कि इस आधार पर पार्टी विपक्ष के समक्ष बड़ी चुनौती पेश करेगी। सपा और बसपा को भी पांच वर्ष तक पूर्ण बहुमत से सरकार चलाने का अवसर मिला था। लेकिन ये दोनों ही योगी सरकार की उपलब्धियों से बहुत पीछे है। इस तुलनात्मक तथ्य से ही मतदाताओं को अवगत कराना है।

भाजपा ने उत्तर प्रदेश को जातिवाद व परिवारवाद की राजनीति से बाहर निकाला है। सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास के विचार से सरकार कार्य कर रही है। पिछले दिनों अमित शाह ने कहा था कि बयालीस योजनाओं में उत्तर प्रदेश नम्बर वन है। पहले उत्तर प्रदेश को यह गौरव कभी हासिल नहीं हुआ था।

योगी आदित्यनाथ मेहनत और ईमानदारी के साथ सुशासन की स्थापना की है। इसी के सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे है। वस्तुतः योगी सरकार विकास व निवेश के लिए मेक इन यूपी को बढ़ावा दे रही है।

निवेश प्रोत्साहन में गतिशीलता लाने के लिए प्रदेश का निवेश मित्र पोर्टल उद्यमियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। यह पोर्टल भारत के सबसे विशाल एवं व्यापक डिजिटल सिंगल विण्डो क्लीयरेंस प्लेटफाॅम्र्स में से एक है। प्रदेश सरकार सम्पूर्ण राज्य में मैन्युफैक्चरिंग केन्द्रों की सुविधा के लिए विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और त्वरित कनेक्टिविटी का विकास करा रही है।

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जा रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी निर्माणाधीन है। यह परियोजनाएं शीघ्र पूरी हो जाएंगी। राज्य सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का भी निर्णय लिया है। यह भारत के सबसे लम्बे एक्सप्रेस-वे में से एक होगा। प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी तथा कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे हैं। जेवर एवं अयोध्या में बनने वाले अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों को सम्मिलित करते हुए राज्य में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर पांच हो जाएगी। प्रदेश में चार वर्ष पहले तक मात्र चार एयरपोर्ट लखनऊ,वाराणसी, गोरखपुर तथा आगरा क्रियाशील थे। तथा कुल पच्चीस गंतव्य स्थान हवाई सेवाओं से जुड़े थे। वर्तमान में आठ एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर,आगरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, हिंडन, बरेली क्रियाशील हैं। जिनसे कुल इकहत्तर गंतव्य स्थानों के लिए हवाई सेवाएं उपलब्ध हैं। उड़ान योजना के तहत विभिन्न जनपदों में हवाई अड्डों का विकास कराया जा रहा है।

वाराणसी से हल्दिया के बीच देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत प्रदेश में दिल्ली गाजियाबाद-मेरठ काॅरिडोर का निर्माण कार्य प्रगति पर है। कानपुर तथा आगरा जनपदों में मेट्रो रेल परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। राज्य सरकार ने उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं। लैण्ड बैंक में वृद्धि के लिए अनेक सुधार लागू किए गए। औद्योगिक भूमि के लिए एफ आर को बढ़ा दिया गया है। सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को मेगा एवं इससे उच्च श्रेणी के उद्योगों को आवेदन की तिथि से पन्द्रह दिन के भीतर भूमि प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है। राज्य सरकार ने अनेक नई नीतियां घोषित की हैं।

प्रदेश में ढाई सौ मेगावाॅट क्षमता के डाटा सेण्टर उद्योग में बीस करोड़ रुपए के निवेश के लक्ष्य के साथ डाटा सेण्टर नीति घोषित की गई है। इसी प्रकार, गैर आईटी आधारित स्टार्ट अप्स को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने नई स्टार्ट अप नीति घोषित की है। इलेक्ट्राॅनिक्स सिस्टम डेवलपमेण्ट एण्ड मेनटेनेन्स और कम्पोनेण्ट निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई इलेक्ट्राॅनिक नीति के अन्तर्गत नवीनीकृत प्लाण्ट और मशीनरी पर स्थिर पूंजीगत निवेश के चालीस प्रतिशत तक प्रोत्साहन प्रदान करने जैसे नीतिगत निर्णय लिए गए हैं। उत्तर प्रदेश में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में भाजपा को शानदार विजय मिली थी। आठ सौ छब्बीस ब्लॉक प्रमुख और सड़सठ जिला पंचायत पद भाजपा के हिस्से में आये थे। जेपी नड्डा ने कहा कि जिला परिषद और क्षेत्र पंचायत के नतीजों को हम प्रजातांत्रिक तरीके से देखना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रजातंत्र में काम करने की संस्कृति में व्यापक सुधार किया है।

पहले एक प्रधानमंत्री थे जो कहते थे कि एक रुपया भेजते हैं तो पन्द्रह पैसा ही नीचे पहुंचता है। आज शत प्रतिशत धनराशि लोगों के खातों में पहुंच रही है। प्रधानमंत्री देश के सभी किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत हर वर्ष छह हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे रहे हैं। इसके तहत अब तक दस करोड़ से अधिक किसानों को लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश में लगभग दो करोड़ किसानों को इसका लाभ मिला है।पहले कृषि पर केवल 1.21 लाख करोड़ रुपये खर्च होते थे, आज कृषि बजट बढ़ कर 2.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है। डीएपी पर प्रति बोरी 1200 रुपये की सब्सिडी मोदी सरकार की ओर से दी जा रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार में अब तक लगभग बाइस करोड़ लोगों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है।

सरकार ने नीमकोटेड यूरिया के जरिये यूरिया की कालाबाजारी पर लगाम लगाई है। नड्डा ने कहा कि कोरोनाकाल में सारी पार्टियां या तो क्वारंटाइन व आइसोलेशन में थी। ये पार्टियाँ केवल ट्विटर और वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस तक सीमित थी। देश में पहले वैक्सीन के लिए वर्षों।वर्ष लग जाते थे। जब सारी दुनिया में वैक्सीनेशन ख़त्म हो जाती थी,तब यह हमारे देश में शुरू होती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने केवल नौ महीने में न केवल दो दो मेड इन इंडिया वैक्सीन का उत्पादन किया बल्कि इसका रोल आउट भी शुरू किया। दुनिया के अन्य देशों की मदद भी की। तब विपक्ष वैक्सीन पर भ्रम फैला रहा था। भारतीय जनता पार्टी ने स्वास्थ्य स्वयंसेवक प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। इसके तहत अब तक डेढ़ लाख वॉरियर्स इस अभियान से जुड़ चुके हैं।

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