राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सेवा और शोध दोनों का महत्व रेखंकित किया है। मेडिकल कालेजों में रिसर्च वर्क पर ज्यादा बल देते हुए कहा कि मेडिकल छात्रों को गम्भीर विषयों पर शोध करना चाहिए ताकि उनके शोध का लाभ पूरी मानवता को मिले। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी गम्भीर अनुसंधान कार्य पर विशेष बल दिया गया है।
शुल्क वृद्धि के संबंध में राज्यपाल ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई काफी खर्चीली है। यहां गरीब एवं मध्यम वर्ग के बच्चे भी मेडिकल की पढ़ाई करने आते हैं,ऐसे में इनकी आर्थिक स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये बच्चे शुल्क वृद्धि को कैसे दे पायेंगे। मेडिकल कालेजों को सरकार के साथ बैठकर एक बीच का रास्ता निकालना चाहिए जिससे कालेजों की भी समस्या दूर हो और अभिभावकों पर ज्यादा भार न पड़े।
आपस में मिल बैठकर चर्चा करने से हर समस्या का समाधान निकल सकता है। आनन्दी बेन पटेल ने बड़ी बेबाकी से निजी मेडिकल कॉलेजों को सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि दुःख की बात है कि निजी मेडिकल कालेज मान्यता मिल जाने के बाद बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान कम तथा बचत पर ध्यान ज्यादा होता है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
क्षय रोग से उत्तर प्रदेश को वर्ष 2025 तक मुक्ति दिलाने की दिशा में राज्यपाल ने मेडिकल कालेजों को पन्द्रह पन्द्रह टीबी रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर देखभाल करने का दिया जिसे इन कालेजों ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यपाल ने राजभवन में लखनऊ स्थित कोविड अस्पताल घोषित निजी मेडिकल कालेजों की बैठक में प्रेरणादायक विचार व्यक्त किये।