लखनऊ। प्रधानमन्त्री द्वारा मन की बात (Mann Ki Baat) में उठाए गए अनेक प्रसंग ज़न आंदोलन बन गए थे। इसमें आजादी का अमृत महोत्सव भी शामिल है। इसके अंतर्गत स्वतन्त्रता संग्राम के अनेक उपेक्षित प्रंसग उजागर हो रहे है। नई पीढ़ी को नई नई जानकारी मिल रही है।
👉दिहाड़ीदार मजदूरों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कौन?
अमृत महोत्सव का यह वर्ष जन जन की चेतना को स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष की महान गाथाओं, महापुरूषों की स्मृतियों एवं उनकी मूल प्रेरणाओं से जोड़ने का अवसर बन गया। देश को स्वतंत्र कराने में असंख्य लोगों ने योगदान दिया। अनगिनत लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया। इसी प्रकार आजादी के बाद देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने मेँ योगदान किया। अमृत महोत्सव के माध्यम से ऐसे सभी लोगों का स्मरण किया गया।
मन की बात पर राजभवन की प्रदर्शनी का एक हिस्से में अमृत महोत्सव के विविध आयाम प्रदर्शित किए गए। प्रधानमन्त्री द्वारा मन की बात में उठाए गए अनेक प्रसंग ज़न आंदोलन बन गए थे। इसमें आजादी का अमृत महोत्सव भी शामिल है। इसके अंतर्गत स्वतन्त्रता संग्राम के अनेक उपेक्षित प्रंसग उजागर हो रहे है। नई पीढ़ी को नई नई जानकारी मिल रही है।
👉लाखों कीमत से बना मिनी सचिवालय खंडहर में तब्दील
अमृत महोत्सव का यह वर्ष जन जन की चेतना को स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष की महान गाथाओं, महापुरूषों की स्मृतियों एवं उनकी मूल प्रेरणाओं से जोड़ने का अवसर बन गया। देश को स्वतंत्र कराने में असंख्य लोगों ने योगदान दिया। अनगिनत लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया। इसी प्रकार आजादी के बाद देश को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने मेँ योगदान किया। अमृत महोत्सव के माध्यम से ऐसे सभी लोगों का स्मरण किया गया। मन की बात पर राजभवन की प्रदर्शनी का एक हिस्से में अमृत महोत्सव के विविध आयाम प्रदर्शित किए गए।
रिपोर्ट-डॉ दिलीप अग्निहोत्री