लखनऊ। जरूरत है ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को पहचानने की, इसके लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी अपनी अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। जिन लोगो ने इस घटना को देखा या उसकी जरा सी भी जानकारी हो, उनको सामने आ कर उन दरिंदो की पहचान उजागर करनी चाहिए, जिससे दरिंदो को इस वहशी दरिंदगी के लिए सख्त सजा मिले। अब वक्त आ गया है जब सरकार को इस तरह की प्रवति वाले लोगो पर सख्त रुख अपनाना होगा।
इस घटना से दुखी होकर सवर्ण महासंघ फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र त्रिपाठी ने सख्त कार्यवाही की मांग को लेकर एक पत्र गृहमंत्री अमित शाह को लिखा है।घटनाक्रम के मुताबिल घर से बेर खाने जंगल की ओर निकले मिर्जापुर (यूपी) लालगंज क्षेत्र के बामी गांव निवासी तीन चचेरे भाइयों के शव मिले, इनके शरीर पर चोटों के निशान थे और आंखें निकाल दी गई थी।
मृतक बच्चों में क्रमश: सुधांशु (14) पुत्र राजेश तिवारी, शिवम (14) पुत्र राकेश कुमार तिवारी, हरिओम (14) पुत्र मुन्नालाल मंगलवार (1 दिसंबर) की दोपहर घर से जंगल के निकले थे। घर वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने 2 दिसंबर को दोपहर में लालगंज थाने में गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज करवाया था। 4 दिसंबर की सुबह इन तीनो के शव विंध्याचल के गैपुरा क्षेत्र स्थित लेहड़िया बंधी के पास पड़े मिले थे।
शाश्वत तिवारी