Breaking News

छूटे नौनिहालों को मिला सुरक्षा कवच

  • जनपद में शुरू हुआ मिशन इंद्रधनुष 4.0 का अंतिम चरण
  • पूर्व राज्य मंत्री ने फीता काट कर किया शुभारंभ
  • 6682 बच्चे और 1870 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य

औरैया। शून्य से दो साल के नौनिहालों और गर्भवती को जानलेवा बीमारियों से बचाव को लेकर सोमवार को जनपद में मिशन इंद्रधनुष 4.0 का अंतिम चरण शुरू हो गया। जनपद के शहरी और ग्रामीण इलाकों में कैंप लगाकर शून्य से दो साल के बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव को लेकर टीके लगाए गए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर पर पूर्व राज्य मंत्री माननीय लाखन सिंह राजपूत ने अभियान का शुभारंभ किया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने बताया कि अभियान का उद्देश्य ऐसे बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण करना है, जो किन्हीं कारणों से नियमित टीकाकरण से वंचित हैं। इसके लिए उन क्षेत्रों का चयन किया गया है,जहां टीकाकरण का कवरेज कम है। उन्होंने जनता से अपील किया कि अपने घर परिवार में कोई गर्भवती महिला एवं जन्म से लेकर दो वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। उन्होंने बताया कि टीकाकरण न होने वाले या फिर आंशिक टीकाकरण वाले बच्चों को अभियान के तहत ग्यारह तरह की बीमारियों से बचाने वाले टीके लगाए जाएंगे।

डॉ सिंह ने बताया कि नवजात शिशुओं और बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारियों जैसे- पोलियो, खसरा-रूबेला, रोटा वायरस, डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी आदि से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण बेहद जरूरी है। सरकार नवजात शिशुओं और बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि इंद्रधनुष के सात रंगों को प्रदर्शित करने वाले इस मिशन का उद्देश्य है कि सभी बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करना है।

उन्होंने बताया कि मिशन इंद्रधनुष अभियान तीन साप्ताहिक चरण में चलाया गया है। पहला चरण 7 मार्च को संपन्न हुआ। दूसरा चरण कल 4 अप्रैल से शुरू हुआ और 11 अप्रैल तक चला। तीसरा चरण 2 मई से शुरू हुआ है । इस दौरान ऐसे शून्य से दो साल के बच्चे और गर्भवती जो टीकाकरण से वंचित हैं, उन्हें खोज-खोजकर टीके लगा जाएंगे। इस दौरान 897 सत्रों के माध्यम से 6682 बच्चे और 1870 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

About Samar Saleel

Check Also

विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होगी मन्नत की हौद भराई, 580 लीटर दूध से भरा जाता था अरघा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। ...