भारत में विदेशों से आईं खराब एंटीबॉडी टेस्ट किट को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि उन्हें उनके संबंधित देशों को वापस किया जाएगा। जिसमें चीन भी शामिल है। जाकनरी के अनुसार इन किट को देश में कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए मंगाया गया था लेकिन यह कामयाब साबित नहीं रहीं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंगवाई गईं किट का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। इन किट के नतीजों को लेकर कई राज्यों से शिकायतें आ रही थीं। स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी दोषपूर्ण एंटीबॉडी परीक्षण किट को वापस उन देशों को लौटाया जायगा जहाँ से ये किटें आईं थी।
राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘जब भी जरुरत होगी हम आपकी मदद के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भेज देंगे। उन्हें निगरानी करने के लिए नहीं भेजा जाएगा। वे आपका हाथ थामने और सहयोग के लिए हैं। ताकि हमें आगे आपकी मदद के लिए फीडबैक मिल सके।’
खबर के मुताबिक भारत में जिन चीनी कंपनियों की जांच किट पर सवाल उठे हैं, उन पर यूरोप पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। परिणाम भरोसेमंद न मिलने पर यूरोपीय देशों ने 20 लाख किट चीन को वापस भेज दी थीं। बताया जा रहा है कि चीन की वांडोफ बायोटे व लिवजोन डायग्नोस्टिक ने अब तक करीब 40 करोड़ की 8.5 लाख किट भारत को भेजी हैं। वांडोफ बायोटेक की 60 फीसदी से ज्यादा किट्स आई हैं। इसी कंपनी ने 20 लाख किट्स ब्रिटेन सरकार को मार्च के महीने में भेजी थीं।