2 अक्टूबर को केरल में मलिन्य मुक्तम नव केरलम अभियान के तहत 25 लाख से अधिक लोग स्वच्छता अभियान में शामिल होंगे। यह अभियान स्व-सरकारी विभाग (एलएसजीडी) चला रहा है।
अभियान शहरी और ग्रामीण हिस्सों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों, पार्कों, पर्यटन केंद्रों और बाजारों सहित राज्य के हर कोने को कवर करने का प्रयास करेगा।
प्रत्येक स्थानीय निकाय के प्रत्येक वार्ड से विभिन्न क्षेत्रों से कम से कम 200 लोग इस अभियान में शामिल होंगे। यह 30 जनवरी, 2024 तक चलने वाले गहन सफाई अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत होगी। गतिविधियों का समन्वय राज्य और जिला स्तरीय अभियान सचिवालयों द्वारा किया जाएगा।
स्कूलों और सरकारी संस्थानों में 100 प्रतिशत अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने की गतिविधियां 2 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक आयोजित की जाएंगी। जबकि, वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों में एक उचित अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली और हरित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गतिविधियों की योजना 10 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक बनाई गई है।
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एक अक्टूबर को स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत और 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक गांधी जयंती के तहत पूरे राज्य में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
लगभग 23,000 स्थानों की पहचान पहले ही की जा चुकी है, जिसके 25,000 इलाकों तक पहुंचने की उम्मीद है। अभियान प्रत्येक शहरी स्थानीय निकाय वार्ड में कम से कम दो क्षेत्रों और प्रत्येक ग्राम पंचायत के सभी वार्डों में चलाया जाएगा।
कार्यक्रम ‘स्वच्छता ही सेवा’ डॉट कॉम पर एक इवेंट के रूप में रजिस्टर किया गया है। अभियान से जुड़ने के इच्छुक लोग पोर्टल पर नक्शा डाउनलोड कर अपनी पसंद की जगह का चयन कर सकते हैं।
साथ ही, अक्टूबर के दौरान एलएसजीडी पर्यटन स्थलों पर अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की कमियों को दूर करेगा। एक नवंबर से 15 नवंबर तक सामुदायिक खाद सुविधाओं के उचित कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियां शुरू की जाएंगी।
15 नवंबर से 30 नवंबर तक, अभियान मिनी सामग्री संग्रह सुविधा (एमसीएफ) और संसाधन पुनर्प्राप्ति सुविधाओं (आरआरएफ) के कामकाज पर गौर करेगा। स्थानीय स्व-सरकारी संस्थान (एलएसजीआई) एक दिसंबर से 10 दिसंबर तक सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में एक प्रभावी स्वच्छता अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेंगे।
प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों वाले संस्थानों और संगठनों को सम्मानित करने और सर्वोत्तम एलएसजीआई का चयन करने के अलावा सार्वजनिक स्थानों को कूड़े-मुक्त और जल निकायों को ठोस अपशिष्ट से मुक्त रखना इस चरण के कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य हैं।
इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक एलएसजीआई को पूरी तरह से स्वच्छ, हरित और स्वस्थ बनाना है और इस प्रकार मार्च 2024 तक पूरे एलएसजीआई को कचरा मुक्त बनाना है।