जब मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका, पीला बुखार समेत करीब 100 तरह के रोग पैदा हो सकते हैं तो क्या उनसे उत्पान होने वाली बीमरियों का कोई तोड़ निकाला जा सकता है। जी हाँ, वैज्ञानिक इन बीमारियों से बचाने के लिए मच्छरों की लार से वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज की एक शोधकर्ता जेसिका मैनिंग मच्छरों की लार में प्रोटीन का उपयोग कर वैक्सीन बनाने की तकनीक पर काम कर रही हैं। इस तकनीक से कीड़ों के माध्यम से फैलने वाली तमाम बीमारियों के लिए एक ही टीके का निर्माण किया जा सकता है। इस वैक्सीन पर काम करते हुए मैनिंग अब मनुष्यों में मच्छर के लार से बने टीके का ट्रायल कर रही हैं।
द लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक मानवों पर इसका ट्रायल सफल रहा है। रिपोर्ट के की माने तो परीक्षण में एनोफिलीज मच्छर की लार पर आधारित टीके को शामिल किया गया था। परिणाम मानव शरीर में एंटीबॉडी और सेलुलर प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करने की क्षमता के साथ, मनुष्यों में उपयोग के लिए सुरक्षित पाया गया। वहीं WHO की माने तो 2017 में मच्छरों से फैलने वाले मलेरिया से 435,000 लोगों की मौत हो गई गई थी।