नवरात्रि की शुरुआत इस बार 29 सितम्बर से हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां नव दुर्गा के अलग-अलग नौ स्वरूपों की पूजा होती है। देवी का हर रूप एक दूसरे से एकदम अलग है और उनका धार्मिक महत्व भी काफी अलग है। आइए जानते हैं नवरात्रि में देवी के अलग-अलग स्वरूपों का महत्व-
शैलपुत्री
नवरात्रि के पहले दिन मां के इस रूप की पूजा अर्चना होती है। गाय पर सवार मां शैलपुत्री चंद्रमा को धारण करती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री की आराधना करने से जातक की कुंडली में चंद्र दोष ठीक होता है।
ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना होती है। मां का यह स्वरूप मंगल गृह का स्वामी है। ब्रह्मचारिणी मां की पूजा करने से लोगों की कुंडली में मंगली दोष का प्रभाव कम होता है।
चंद्रघंटा
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। यह शुक्र गृह की देवी मानी जाती हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करते वाले जातकों की जन्मपत्री में शुक्र दोष समाप्त होता है।
कूष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है। कूष्मांडा मां सूर्य से सम्बंधित दोषों को ठीक करती हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य नीच का हो उन्हें मां कूष्मांडा की पूजा से लाभ होता है।
स्कंदमाता
नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता मां की पूजा अर्चना की जाती है। यह बुध ग्रह की देवी हैं जो जातक स्कंदमाता की पूजा अर्चना करते हैं उनकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होती है।
कात्यायनी
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी बृहस्पति ग्रह की स्वामिनी मानी गई हैं। कात्यायनी देवी की पूजा करने से ब्रहस्पति ग्रह से सम्बंधित दोष समाप्त होते हैं।
कालरात्रि
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है। मां कालरात्रि की पूजा करने से शनि दोष समाप्त होता है।
महागौरी
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का प्रचलन है। मां महागौरी राहू की स्वामिनी मानी जाती हैं जो जातक नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा अर्चना करते हैं उनकी जन्मपत्री का राहू दोष समाप्त हो जाता है।
सिद्धिदात्री
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। देवी के इस स्वरूप को केतु ग्रह की स्वामिनी माना गया है जो जातक नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करते हैं उनके जीवन से केतु का दोष हट जाता है।