पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर चल रहे भ्रष्टाचार के दो मामलों में सोमवार को भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अल अजीजिया Al Azizia मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए सात साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 150 करोड़ डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं, फ्लैगशिप इनवेस्टमेंट केस में उन्हें बरी कर दिया गया है। इस फैसले पर पूरी पाक मीडिया की नजर थी।
Al Azizia मामले में फैसला सुनाते ही
अल अजीजिया Al Azizia मामले में फैसला सुनाते ही नवाज शरीफ को कोर्ट रूम में गिरफ्तार कर लिया गया। इस्लामाबाद की एकाउंटेबिलिटी कोर्ट के जज मोहम्मद अरशद मलिक ने पिछले हफ्ते मामले की सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के खिलाफ बाकी बचे दोनों मामलों को खत्म करने की समय सीमा सोमवार तय की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि यदि कोर्ट शरीफ को इन दोनों मामले में दोषी ठहराती है, तो उन्हें 14 साल तक की जेल हो सकती है।
नवाज शरीफ फैसले से एक दिन पहले रविवार को ही लाहौर से इस्लामाबाद पहुंच चुके थे। डॉन की रिपोर्ट में कहा गया था कि रजिस्ट्रार की ओर से जिन लोगों को इजाजत दी गई है, उनके अलावा कोई भी अन्य व्यक्ति सोमवार को कोर्ट में फैसले के दौरान मौजूद नहीं रहेगा। पीएमएल-एन के समर्थक कोर्ट परिसर के बाहर अपने शीर्ष नेता के समर्थन के लिए जमा होने लगे थे। इसे देखते हुए कोर्ट परिसर के चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
कोर्ट की तरफ जाने वाली सड़कों और कोर्ट में पुलिस के साथ ही रेंजर्स को तैनात कर दिया गया था। बताते चलें कि इससे पहले भ्रष्टाचार के एक मामले नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज और दामाद मोहम्मद सफदर को 20 सितंबर को रिहा कर दिया था।