- Published by- @MrAnshulGaurav
- Friday, July 08, 2022
लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय राजेंद्र नगर लखनऊ की उत्तर प्रदेश की 19 गर्ल्स बटालियन एनसीसी विंग के द्वारा प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय तथा मेजर डॉ. मनमीत कौर सोढ़ी के नेतृत्व में आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से “सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहें” इस विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें कैडेट्स ने पोस्टर, स्लोगन व संवाद के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक के द्वारा पर्यावरण एवं प्राणी मात्र के जीवन को होने वाले नुकसान के विषय में बताया। इसके अतिरिक्त कैडेट्स मेजर (डॉ) मनमीत कौर सोढ़ी के दिशा निर्देशन में एक वीडियो भी तैयार कर रही हैं।
इस विडियो में कैडेट अनन्या पाठक, प्रिया यादव, वर्षा यादव, जया दुबे, प्रियंका गुप्ता, सौम्या हरशीन कौर, रोशनी सिंह थापा, नंदिनी सिंह, तनुजा, स्वाति त्रिपाठी, अनामिका यादव, रिया कश्यप, पंखुरी, सोनी सिंह, तनु सारस्वत, कीर्ति रस्तोगी, अंजली राय, कीर्ति मिश्रा, प्रियांशी और अर्पिता ने इस बात को विस्तृत तरीके से समझाने का प्रयास किया है कि प्लास्टिक क्या है? इसका प्रयोग कितने रूपों में होता है? प्लास्टिक के कितने प्रकार हैं? सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है? इससे पर्यावरण को क्या क्या नुकसान हो सकते हैं? इसका विकल्प क्या हो सकता है? और एक एनसीसी कैडेट के रूप में हम सबकी इस संबंध में क्या जिम्मेदारी बनती है?
प्लास्टिक का प्रयोग न केवल मनुष्य अपितु सभी जीवों के लिए हानिकारक है। ग्रीन हाउस गैसों को भी प्रभावित कर रहा है। सुविधाजनक मानकर हम इसे अपनी आदत बना लेते हैं परन्तु जब वही सुविधा जीवन के लिए संकट बन जाए तो उसे छोड़ देना ही हितकर है। केवल प्रतिबंध के द्वारा ही इसके प्रयोग को नहीं रोका जा सकता बल्कि सभी नागरिकों के सहयोग से ही इस पर नियंत्रण संभव है। हम सभी को अपने स्तर से अपने पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व का निवर्हन करना होगा तभी स्वच्छ व स्वस्थ्य समाज का निर्माण संभव हो सकेगा।
प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने कैडेट्स के प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें सदैव समाज उपयोगी कार्य में प्रवृत्त रहने के लिए प्रेरित किया। जागरूकता अभियान में कैडेट खुशी सिंह,श्रुति तिवारी, गरिमा बाजपेई, त्रिनेत्री शर्मा, खुशी कनौजिया, सगलगुण कौर, आकांक्षा पाल, श्रेया पांडे, आरुषि शुक्ला समेत बड़ी संख्या में कैडेट्स ने प्रतिभाग किया।
रिपोर्ट – दया शंकर चौधरी