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मॉक ड्रिल कर एनडीआरएफ ने जीता लोगों का भरोसा

गोरखपुर। मुक्तिधाम राजघाट राप्ती तट पर जिला आपदा प्रबंधन व एनडीआरफ के द्वारा मेगा मॉक ड्रिल कर लोगों को संदेश दिया गया कि किसी भी प्रकार की आपदा आने पर एनडीआरएफ के साथ साथ और भी जितनी एजेंसी है जैसे एसडीआरएफ, पीएसी, NCC, एवं आपदा मित्रों की टीम लोगों के बचाव के लिए तैयार है। किसी भी आपदा या दुर्घटना में प्रतिक्रिया और कुशल प्रबंधन के लिए विश्वव्यापी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम अर्थात आईआरएस को भारत सरकार द्वारा मान्यता प्रदान की गई है।

इस प्रणाली के तहत जिले के तमाम एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन एनडीआरएफ एसडीआरएफ पुलिस होमगार्ड नगर निगम जिला चिकित्सालय पीडब्ल्यूडी सिंचाई विभाग अग्निशमन विभाग सिविल डिफेंस पीएससी व अन्य एजेंसियों ने आपसी सामंजस्य के साथ राहत खोज और बचाव कार्य किया। इसी क्रम में गोरखपुर में 1 मेगा मॉक एक्सरसाइज किया गया। इस मॉक एक्साइज के दौरान एनडीआरएफ को जिला प्रशासन द्वारा सूचना दी गई कि राप्ती नदी के किनारे बसे ग्राम शेरगढ़ में नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी भर गया है, जिससे आवागमन की सुविधा ठप हो गई है और उन्हें तत्काल राहत और बचाव कार्य की जरूरत है।

सूचना प्राप्त होते ही एनडीआरएफ केटीम कमांडर इंस्पेक्टर डी.पी. चंद्रा अपने बचावकर्मियों मोटर बोट लाइफ जैकेट डीप डाइविंग सेट व अन्य जरूरी उपकरणों के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो गए। एनडीआरएफ की त्वरित कार्यवाही के लिए पुलिस ने एक ग्रीन कोरिडोर बनाया जिससे टीम जल्द ही स्टेजिंग एरिया में पहुंच गई। इस स्थिति में सदैव की तरह एनडीआरएफ के जवानों ने दिन-रात अपने अथक परिश्रम से लोगों को भीषण बाढ़ से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं दूसरी ओर सूचना मिलती है कि अचानक यात्रियों से भरी एक नाव नदी में पलट गई और उसमें बैठे लोग नदी के तेज बहाव में डूबने लगे और मदद की गुहार लगाने लगे। यह देखा स्थानीय लोग भयभीत हो गए लेकिन तभी अचानक एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अपनी मोटर नाव पर सवार होकर डूबते लोगों की सहायता करने पहुंचे। तुरंत कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों ने सभी लोगों को विभिन्न तरह की तकनीक जैसे हेट टो, चिंंटो मेथड से बाहर निकाला और मेडिकल कैंप में पीएचटी देकर उन्हें स्थानीय अस्पताल के लिए रवाना किया गया।

इस एक्सरसाइज के माध्यम से जिला प्रशासन और विभिन्न रेस्क्यू एजेंसियों में आपसी तालमेल को बनाने में सहायता मिलेगी और प्रदेश में आने वाली बाढ़ में बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा। स्मोक एक्सरसाइज में “आपदा मित्रों” ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। गोरखपुर जिले के आपदा मित्र बहुत ही एक्टिव हैं, जो कि एनडीआरएफ द्वारा 14 दिनों की ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके हैं। साथ ही साथ पिछले 4 दिनों से राप्ती नदी के तट पर उन्हें बचाओ तकनीकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा था। कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मकसद गोरखपुर की जनता के बीच सुरक्षा की भावना जागृत करना है।

बाढ़ या किसी अन्य आपदा आने पर आपदा प्रबंधन टीम हर वक्त आम जनमानस की मदद के लिए तैयार है। वहीं विशिष्ट अतिथि कमिश्नर गोरखपुर जयंत नारियरकर ने कहा कि हमारी गोरखपुर जनपद पुलिस के साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ तथा पीएसी की टीम हमेशा किसी भी आपदा से निपटने के लिए तत्पर है। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर ज्वाइंट सेक्रेट्री एनडीऍमए रमेश कुमार गन्टा, जिला आपदा सलाहकार गौतम गुप्ता, निरीक्षक गोपी गुप्ता, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी विपुल कुमार श्रीवास्तव एडीएम वित्त राजेश कुमार सिंह सीओ कोतवाली बी पी सिंह एवं भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट-रंजीत जायसवाल

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