विज्ञानं की बात हो या खेल का मैदान भारत के नौजवान हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने के लिए अपना पूरा जोर लगा देते हैं। इसी कड़ी में कोहनी की चोट से उबरकर नीरज चोपड़ा ने शानदार कमबैक किया। नीरज ने इसी साल टोक्यो में होने वाले ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई कर लिया है।
वापसी के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में एथलेटिक्स सेंट्रल नॉर्थ ईस्ट मीटिंग टूर्नामेंट खेला। इसमें नीरज ने 87.86 मीटर तक भाला फेंका। दूसरे स्थान पर भारतीय जेवलिन रोहित यादव रहे। उन्होंने 77.61 मीटर तक भाला फेंका। इन दोनों के अलावा कोई भी एथलीट 70 मीटर की तक नहीं पहुंच सका। चोट के बाद नीरज का यह पहला इवेंट था, जिसमें उन्हें ओलिंपिक क्वॉलिफिकेशन की उम्मीद थी। इस चोट के कारण नीरज को सर्जरी भी करानी पड़ी थी।
आपको बता दें कि नीरज ने पिछला टूर्नामेंट अगस्त 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स खेला था। तब उन्होंने 88.06 मीटर नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता था। नीरज ने टूर्नामेंट से पहले कहा था, ‘‘मैंने चोट के दौरान काफी कुछ सीखा, जो भविष्य में काम आएगा। सभी कमजोर बिंदुओं पर काम कर चुका हूं।’’
नीरज ने 2018 में कॉमनवेल्थ और एशियाड में मेडल जीते थे। सिर्फ जर्मनी के खिलाड़ी उनसे आगे हैं। ओलिंपिक रिकॉर्ड 90.57 मीटर है। एशियन गेम्स में नीरज ने 88.06 मीटर जेवलिन फेंका था।