बिना मेहनत के हासिल तख्तोताज नही होते , जुगनू कभी रोशनी के मोहताज नही होते ! यह पंक्तियां कवि, लेखक और चित्रकार संजय कुमार गिरी के लिए बिल्कुल उपयुक्त है,जिनको आज हर कोई जानता है। इनका जन्म भारत की राजधानी दिल्ली में 27 जून 1975 को करतार नगर में हुआ, ...
Read More »अन्य ख़बरें
उपन्यास आई वियर द स्माइल यू गेव का विमोचन
पुणे।पुणे की आईटी प्रोफेशनल के पहले उपन्यास आई वियर द स्माइल यू गेव का हाल ही में क्रासवर्ड, फिनिक्स मार्केट सिटी में विमोचन हुआ। यह उपन्यास दोस्ती, प्रेम और कर्तव्य की दुःखद प्रेम कथा पर आधारित है और पुस्तक के नायक के जीवन की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। फिल्मकार ...
Read More »निस्वार्थ सेवा की अजब मिसाल
छपरा। बिहार में 10 अक्टूबर 1974 को जन्में लाल बिहारी लाल साहित्य, पत्रकारिता एवं समाजसेवा के अजब मिसाल हैं। आज जहां कुछ लोग समाज सेवा का चोला ओढ़ कर दुनिया की नजरोंमें धूल झोंकने मे लगे हैं वहीं कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ भाव से देश और समाज ...
Read More »अखिल भारतीय साहित्य गोष्ठी आयोजित
भारतीय विकास समिति दिल्ली प्रदेश(रजि.) एवम नवधारा साहित्य कला केंद्र के संयोजन से हिंदी पखवाड़े के उपलक्ष्य में कल शाम सुल्तान पुरी, बाहरी दिल्ली में अखिल भारतीय साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, इस सुन्दर आयोजन की अध्यक्षता उस्ताद हिन्दुस्तान के जाने माने शयर देवेंद्र माँझी और वरिष्ठ अतिथि गीतकार ...
Read More »एक बूंद जो बन गई मोती
हमारे देश का विकास गांवों के विकास से सीधे-सीधे जुड़ा है। महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत गांवों का देश है यदि गांवों की काया पलट दी जाए तो समूचे राष्ट्र का विकास संभव हो सकता है। वास्तव में गांवों की खुशहाली में ही देश की खुशहाली निहित है। ...
Read More »अपने ही देश में हिन्दी हुई बेहाल
सितंबर माह आते ही हरसाल हिन्दी दिवस और पखवाड़ा मनाने कीचहल पहल हर सरकारी दफ्तरों में शुरु हो जाती है और हिन्दी दिवस के नाम पर करोड़ो रुपयेपानी की तरह बहा दिया जाता है। चाहे वो राज्य की सरकारें हो या केन्द्र सरकार हो।हिन्दी को हमारे नेता राष्ट्रभाषा बनाने चाहते ...
Read More »कुश्मेश को मिर्जा गालिब सम्मान
कानपुर। उस्ताद शायर जनाब कुँवर कुश्मेश के सम्मान में आयोजित कवि सम्मेलन एवं सम्मान का आयोजन कल युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच द्वारा हवेली गार्डन, किदवई नगर, कानपुर में देश के कोने कोने से आये तमाम कवि एवं साहित्यकारों ने पधार कर कार्यक्रम को उत्कृष्ट शिखर तक पहुँचाया ! विशिष्ट अतिथियों ...
Read More »पंडित दीनदयाल उपाध्याय मानववाद के प्रणेता-महेन्द्र सिंह
25 सितम्बर 1916 को मथुरा के छोटे से गांव ‘नगला चंद्रभान’ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ था। तीन वर्ष की उम्र में आपकी माताजी का तथा 7 वर्ष की कोमल उम्र में आपके पिताजी का देहान्त हो गया। वह माता-पिता के प्यार से वंचित हो गये। किन्तु उन्होंने ...
Read More »गरीबों को मुफ्त दवाएं
राजस्थान के उदयपुर में जन्में ओमकार नाथ शर्मा को नोएडा के कैलाश अस्पताल में बारह-तेरह साल की नौकरी के बाद मन में विचार आया कि गरीबों को मुफ्त में दवाएं बांटें। इसका विचार वर्ष 2008 में तब आया जब दिल्ली के लक्ष्मीनगर में मेट्रो का काम चल रहा था,तब वहां ...
Read More »शहर जंगल का सफर
जैसे-जैसे विकास हो रहा है, हरियाली और जंगल खत्म होते जा रहे हैं। इसका असर पर्यावरण पर भी दिखने लगा है। इसके बावजूद हम पेड़-पौधों को लेकर जागरूक नहीं हो रहे हैं। कुछ लोग पेड़-पौधे लगाने की बात तो करते हैं, ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे, लेकिन जब बारी खुद हो, ...
Read More »