कोविड-19 के मरीजों की अस्पतालों में भीड़ रोकने के लिए आयुष मंत्रालय ने होम्योपैथिक चिकित्सकों को ऐसे मरीजों को देखने की अनुमति दे दी है। मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक इन चिकित्सकों को लक्षणविहीन और शुरुआती लक्षण वाले मरीजों को देखना है, आगे की स्टेज वाले मरीजों को उच्चस्तरीय अस्पतालों में रेफर कर देना होगा।
लक्षणविहीन व हल्के लक्षण वाले मरीजों को देख सकेंगे होम्योपैथिक चिकित्सक
मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि जो मरीज होम आईसोलेशन में रहकर इलाज कर रहे हैं, उन्हें होम्योपैथिक चिकित्सक देख सकते हैं। उन्हें मरीजों को कोरोना का पूरा प्रोटोकाल फालो कराना होगा जैसे दो गज की दूरी लागू कराना, मास्क पहनवाना, हाथ लगातार धुलवाने की सलाह देना। गाइडलाइन में कहा गया है कि लक्षणविहीन कोरोना पाजिटिव मरीजों को होम्योपैथिक चिकित्सकों को आरसेनिकम एलबम 30 सी की चार गोली दिन में दो बार सात दिन तक देना होगा।
आयुष मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन
इसी प्रकार हल्के लक्षण वाले मरीजों को एकोनिटम नेपोलस, आरसेनिकम एलबम, बेलाडोना, बरयोनिया एलबा, इयूपाटोरियम परफोलियटम, फेरम फास्फोरिकम, गलसेमियम, फास्फोरस, रस टाक्सिकोडेंड्रम दवाएं चलेंगी। दवा की खुराक चिकित्सक मरीज की हालत को देखकर तय करेगा। इसके अलावा किसी कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लक्षणविहीन व्यक्ति को आरसेनिकम एलबम 30 सी की चार गोली दिन में एक बार सात दिन तक देना होगा।
गाइडलाइन के मुताबिक होम्योपैथिक चिकित्सक को मरीज के लक्षणों पर लगातार नजर रखनी होगी। मरीज के बुखार और आक्सीजन स्तर को दिन में दो बार जांचना होगा। उसे घर से निकलने और घर में भी सामाजिक दूरी बनाने की हिदायत देनी होगी।
मशहूर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर त्रिदिवेश त्रिपाठी ने मंत्रालय के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना में होम्योपैथी की दवा काफी कारगर है। डाक्टर की सलाह से गाँव और शहरों में इसका उपयोग बड़े स्तर पर किए जाने की जरूरत है। इस पैथी की दवाओं की कीमत भी एलोपैथी से कम होती है और इनका दुष्प्रभाव भी नहीं होता है।
खान-पान के लिए दिशा-निर्देश
- गर्म पानी में हल्दी-नमक डालकर गरारा करें।
- खाना ताजा और आसानी से हजम हो जाने वाला खाएं।
- प्रोसेस्ड खाने को नजरअंदाज करें।
- वसा, तेल, चीनी और नमक के अत्यधिक सेवन से परहेज करें।