लखनऊ. सत्ता संभालते ही सीएम योगी की प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती का लेकर मंथन शुरू हो गया है। फ़िलहाल प्रशासनिक व्यवस्था देखने के लिए छह निजी सचिव की तैनाती की गई है। उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के पदभार ग्रहण करते ही प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए छह उत्तराधिकारियों के तौर पर निजी सचिवों की तैनाती कर दी गई। यह सभी अपर सचिव प्रदेश के विकास का खाका तैयार कर उसे धरातल तक पहुंचाने में अपना अहम योगदान देंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद ही मंत्रियों को अपनी संपत्ति का 15 दिनों के अंदर ब्यौरा देने का फरमान सुना कर अपनी कार्यशैली से सभी को अवगत करा दिया था। उनके इस फरमान के बाद से ही यह माना जाने लगा है कि “योगी” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ वाले फॉर्मूले पर पहले ही दिन से आगे बढ़ने लगे हैं।वहीं दूसरे दिन जब मुख्यमंत्री कार्यालय का शुद्धीकरण कराया जा रहा था ठीक उसी दौरान मुख्यमंत्री ने छह अपर निजी सचिवों की तैनाती कर यूपी को उत्तम प्रदेश बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी। इन नवनियुक्त सचिवों की जिम्मेदारी होगी कि विकास के रास्ते तलाशें और उनका खाका तैयार कर उसे अमल करायें। हालांकि इन सभी की तैनाती अस्थाई रूप से की गई है। सचिव पद संभालने वालों में दीपक श्रीवास्तव, काशीनाथ, पवन कुमार वीर, अरविन्द कुमार, सुरेश सिंह व रामसूरत सविता हैं। निजी सचिवों की तैनाती के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही मंत्रियों को उनके विभाग भी सौंप दिए जायेंगे।