इस साल 2021 में पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो सके, इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने विदेशों में रह रहे भारतीयों यानी एनआरआई को पोस्टल बैलट की सुविधा देने का एक प्रस्ताव सरकार को भेजा था. अब विदेश मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए चुनाव आयोग को लिखित जवाब दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्रालय ने चुनाव आयोग के हालिया प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि देश में मतदान प्रणाली के तहत विदेशों में रह रहे भारतीयों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग में शामिल किया जा सकता है. हालांकि विदेश मंत्रालय ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग इस सुविधा को शुरू करने से पहले सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेगी.
रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने 27 नवंबर को कानून सचिव को संबोधित एक चि_ी में प्रस्ताव दिया था कि एनआरआई को पोस्टल बैलट के माध्यम से मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए चुनाव नियमों, 1961 में कुछ आवश्यक संशोधन किए जाएं. इस चि_ी में आगे कहा गया था कि चुनाव आयोग इस व्यवस्था को अप्रैल-मई में होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों से ही शुरू करने के लिए प्रशासनिक तौर पर तैयार है.
चुनाव आयोग ने अपनी चि_ी में यह भी कहा कि पोस्टल बैलेट की सुविधा के लिए उसे भारतीय प्रवासियों से कई प्रतिनिधित्व मिल रहे थे, क्योंकि वे रोजगार, शिक्षा और यात्रा व्यय जैसे कारकों के कारण अपने मतदान क्षेत्र में मौजूद नहीं हो पा रहे थे. वहीं कोरोना महामारी के बाद से लगे प्रतिबंधों से पोस्टल बैलेट के प्रति उनका रुख और मजबूत हुआ.
गौरतलब है कि विदेशों में एक करोड़ 30 लाख से अधिक भारतीय रहते हैं. अनुमान के अनुसार इनमें 60 प्रतिशत से अधिक मतदाता हैं. चुनाव आयोग के प्रस्ताव को सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ये मतदाता इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट के जरिये आने वाले चुनाव में वोट कर सकेंगे. चुनाव आयोग के प्रस्ताव को लागू करने के लिए सरकार को अध्यादेश के जरिए चुनाव कराने के नियमों में बदलाव करना होगा.