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प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में अब ऑनलाइन आवेदन, स्वास्थ्य विभाग करेगा सत्यापन

औरैया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) का लाभ पाने के लिए अब ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है। इसके लिए लाभार्थियों को इसकी वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा। पंजीकरण के लिए निर्वाचन पत्र या आधार कार्ड के साथ टीकाकरण कार्ड व बैंक खाते का विवरण देना होगा। ऑनलाइन पंजीकरण होते ही लाभार्थियों को फार्म भर जाने के बाद सत्यापन के लिये विभाग में जमा करने होंगे संबंधित प्रपत्र। सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होते हुए उनके खाते में योजना की धनराशि पहुंचनी शुरू हो जाएगी।

सीएमओ डॉ. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि यदि कोई लाभार्थी ऑफ़लाइन आवेदन करना चाहता हैं तो वह पहले की तरह ब्लॉक स्तर पर सबंधित कार्यालय अथवा आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से आवेदन कर सकता है। सीएमओ ने योजना के लाभार्थियों से फर्जी फोन काल से सतर्क रहने की भी अपील की है। उन्होंने बताया कि कुछ जालसाज योजना के नाम पर फोन कर लाभार्थियों के बैंक अकाउंट संबंधित जानकारी लेकर उनके साथ धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं।

एसीएमओ व नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का फार्म भरने के लिए pmmvy_cas.nic.in पर जाकर वेनिफिसरी लॉगिन पर क्लिक करना होगा। इसके बाद फार्म डाउनलोड करने के विकल्पों के साथ अन्य विकल्प खुलकर सामने आ जाएंगे। इन विकल्पों को भरने के बाद अभ्यर्थी का फार्म सीधे उसके प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पास पहुंच जाएगा। उसके बाद लाभार्थी को सभी दस्तावेज़ लेकर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पास जाना होगा सत्यापन करवाने के लिये। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ आसमां नाज़ ने बताया कि अगर लाभार्थी को ऑनलाइन फार्म भरने में कोई दिक्कत आ रही है, या फिर उसे किसी तरह की सहायता चाहिए तो वह स्टेट हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर संपर्क कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थी को 5000 रुपये की यह राशि तीन किस्त में मिलती है। पहली किस्त 1000 रुपये की होती है जो कि गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण के समय प्रदान की जाती है। दूसरी किस्त को गर्भावस्था के छह महीने बाद और प्रसव के पहले दिया जाता है। दूसरी किस्त में लाभार्थी को 2000 रुपये मिलते हैं। तीसरी किस्त बच्चे के जन्म और उसके पंजीकरण तथा टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने पर मिलती है। इसके तहत लाभार्थी को 2000 रुपये दिए जाते हैं।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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