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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आहट से गांवों में मतदाताओं को पटाने में जुटे संभावित प्रत्याशी

औरैया। भले ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तिथियों की अभी तक घोषणा नहीं हुई है किंतु इसके बावजूद पंचायत चुनाव की आहट मिलने से पंचायत चुनाव लड़ने की मंशा बनाए प्रधान पद समेत विभिन्न पदों के संभावित प्रत्याशी मतदाताओं को तरह-तरह के लुभावने सब्जबाग दिखाकर उन्हें पटाने में जुटे नजर आ रहे हैं।हालांकि प्रधान पदों समेत किसी भी पद के लिए अभी तक आरक्षण घोषित नहीं हुआ है किंतु इसके बावजूद संभावित प्रत्याशी अपने-अपने तरह से सीट अपनी माफ होने का जोर गणित लगा कर मतदाताओं की नब्ज टटोलने में लगे हैं।

इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रति गांव में लोगों का खासा रुझान नजर आ रहा है।ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर शासन द्वारा विभिन्न मदों में दी जाने वाली बड़ी धनराशि को लेकर लोगों की दिलचस्पी प्रधान पद के प्रति अधिक बढ़ती दिख रही है। हालांकि अभी तक शासन व निर्वाचन विभाग द्वारा पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं की गई और ना ही अभी तक प्रधान जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र पंचायत सदस्य ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए आरक्षण ही घोषित किया गया है इसके बावजूद खासकर प्रधान पद पर काबिज होने के लिए लंबे अरसे से आशा लगाए बैठे संभावित प्रत्याशियों द्वारा अपने अपने मनमाफिक सीट आरक्षित होने का जोड़ गणित एवं कयास लगा कर चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई है।

प्रधान पद का आरक्षण घोषित न होने के बावजूद गांव में चुनाव की सरगर्मी तेज

औरैया जिले की तीन तहसीलों बिधूना औरैया अजीतमल के विकासखंड बिधूना अछल्दा सहार ऐरवाकटरा औरैया भाग्यनगर अजीतमल की ग्राम पंचायतों में खासकर प्रधान पद के संभावित दावेदारों तेजी चुनाव को लेकर अधिक बढ़ी हुई है। आलम यह है कि प्रधान पद के संभावित दावेदार रात दिन एक कर के गांव गांव मतदाताओं को लुभावने सब्जबाग दिखाकर और उन्हें मुर्गा दारू की दावतें छकाने के साथ तरह तरह से उनकी चिरौरी करते नजर आ रहे हैं। सबसे दिलचस्प और गौरतलब बात तो यह है कि मतदाता भी कम होशियार नहीं है वह सभी संभावित प्रत्याशियों को चुनाव में वोट देने का पक्का भरोसा देकर जमकर मुर्गा दारू का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं।

यही नहीं गौरतलब बात तो यह भी है कि प्रधान पद का चुनाव लडने के संभावित उम्मीदवार अपनी अपनी ग्राम पंचायतों में ऐसे वोट के ठेकेदारों की तलाश में जुटे दिख रहे हैं जिनकी दम पर उनकी चुनावी वैतरणी आसानी से पार लग सकती है। ग्राम पंचायत में किसकी जेब में कितने वोट है चुनावी चकल्लस का शातिर अपराधी कौन है किस के बलबूते चुनावी वैतरणी आसानी से पार हो सकती है ऐसे लोगों से तालमेल बनाने के भरसक प्रयास करते संभावित उम्मीदवार दिख रहे हैं। किस ग्राम पंचायत की सीट किस वर्ग में आरक्षित होगी किसकी जीत होगी यह अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन संभावित उम्मीदवार अभी से ही जीत के लिए जी जान लगाए नजर आ रहे हैं।

रिपोर्ट-हरगोविंद सिंह सेंगर

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