MS Dhoni पिछले काफी समय से क्रिकेट से दूर हैं, लेकिन फिर भी वो सुर्खियों में बनें रहते हैं। मैच किसी भी मोड़ पर खड़ा हो, चाहे भारत जीत की ओर हो या उस पर हार का दबाव हो, लेकिन धोनी हमेशा ही शांत होकर मैदान पर खड़े दिखाई देते हैं। क्या आपको कोई ऐसा पल याद है जब धोनी ने मैदान पर जश्न मनाया हो। याद कर लिजिए शायद याद आ जाए, नहीं आया ना। चलिए अब आपको उस पल को याद दिलाते हैं, जब धोनी ने मैदान पर जमकर जश्न मनाया था और ये सेलिब्रेशन सुरेश रैना को याद भी है।
सुरेश रैना को वो लम्हा अच्छे से याद है जब धोनी पहली और शायद आखिरी बार किसी विकेट का सेलिब्रेशन पूरे उत्साह के साथ किया था। रैना ने बताया कि साल 2008 में आईपीएल का फाइनल (IPL का पहला सीजन) चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच खेला जा रहा था। इस मैच में धोनी विकेटकीपिंग नहीं कर रहे थे और वह मैदान पर फील्डिंग और कप्तानी कर रहे थे। इस मैच में युसूफ पठान चेन्नई के गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर रहे थे। इस बीच रैना ने जब एक शानदार कैच पकड़ा तो धोनी ने पूरे उत्साह के साथ जश्न मनाया और मुझे गोद में उठा लिया। माही भाई को ऐसा करते पहले कभी नहीं देखा था। वह हमेशा शांत ही रहते हैं। लेकिन इस मैच की स्थिति ही ऐसी थी कि धोनी ने अपनी भावनाएं इस अंदाज में व्यक्त कीं।
वैसे बात सही भी है। धोनी ने 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप जीतने का जश्न भी मैदान पर नहीं मनाया। उन्होंने ट्रॉफी ली और युवा खिलाड़ी को सौंप दी और खुद पीछे जा कर खड़े हो गए थे। ऐसा ही उन्होंने 2011 में 50-50 ओवर का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी किया था तो जिस खिलाड़ी ने वर्ल्ड कप जीतने तक का जश्न न मनाया हो और वो एक कैच को मैदान पर सेलिब्रेट करे तो ये याद रखना तो बनता है।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब रैना ने धोनी को लेकर कोई राज़ खोला हो। इससे पहले भी रैना बता चुके हैं कि धोनी को भी गुस्सा आता है, लेकिन वो अपना गुस्सा दिखाते नहीं हैं। मैदान पर दूसरे के लिए ये देखना बेहद मुश्किल होता है कि धोनी को गुस्सा आ रहा है। वो अपने आप को वैसे एडजस्ट कर लेते हैं।
इसका मतलब साफ है कि हमेशा शांत और ठंडे दिमाग से काम करने वाले धोनी भी भावनाओं में बह जाते हैं और ऐसा होना लाजिमी भी है, क्योंकि आखिर में महेंद्र सिंह धोनी भी तो एक इंसान ही है।