•जिले में “फिल्डी एप” से टीबी रोगियों की जांच का ट्रायल शुरू
•जिले के सभी प्रखंडों में लोगों का लिया गया सैंपल
•प्रयोग सफल रहने पर टीबी रोगियों की पहचान व उपचार होगा
मधुबनी। टीबी के मरीजों की जांच के लिए अब बलगम नहीं, खांसी की आवाज के सैंपल लिए जाएंगे। सरकार ने एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए “फिल्डी एप” नाम से मोबाइल एप तैयार कराया है। कफ साउंड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सॉल्यूशन ट्रू डिटेक्ट टीबी प्रोग्राम के तहत इसका ट्रायल शुरू किया है। जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले चरण में प्रत्येक प्रखंड में कम से कम 3 लोगों का सैंपल लिया गया। सैंपल क्लेक्शन 27 जनवरी से 3 फरवरी तक लिया गया। सीडीओ डॉ जीएम ठाकुर ने बताया अगर यह सफल रहा तो टीबी मरीजों को चिह्नित करने में काफी सहूलियत होगी तथा उनका इलाज ससमय हो पाएगा। एप के माध्यम से संक्रमित रोगी, दूसरे संक्रमित के संपर्क में आए रोगी तथा तीसरा टीबी के लक्षण पाए गए रोगी से एप के माध्यम से 30 – 30 प्रश्न पूछे गए। जिसके बाद उनकी आवाज रिकॉर्ड की गई ।जिसे सेंट्रल टीबी डिवीजन भेजा जाएगा। परीक्षण सफल होने पर इस एप के माध्यम से घर-घर जाकर ऐसे रोगियों की पहचान की जा सकेगी। रोगी की पहचान होने पर प्रोत्साहित कर सफल इलाज कराने वाले ट्रीटमेंट सपोर्टर को 1000 रुपए प्रोत्साहन राशि जबकि टीबी से संक्रमित मरीजों को पोषण योजना के तहत 500 रुपए कोर्स पूरा करने तक दिया जाएगा।
सैंपल कलेक्ट कर होगी स्टडी : संचारी रोग पदाधिकारी डॉ जीएम ठाकुर ने बताया आवाज के जरिए टीबी की पहचान करने के लिए मधुबनी सहित बिहार के अलग-अलग जिलों से सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं। इसमें कई जिलों को शामिल किया गया है। जिले में सभी प्रखंडों में सैंपल कलेक्ट किए जा रहे हैं । एक्सपर्ट इन सैंपल्स से माइक्रो रिसर्च और स्टडी का काम शुरू करेंगे। इसमें देखा जाएगा कि सामान्य व्यक्ति की आवाज और टीबी के मरीज की आवाज में क्या अंतर आता है। इसके लिए चिह्नित लोगों के नाम व पते गोपनीय रखे जाएंगे । डीपीसी पंकज कुमार ने बताया ने बताया कि मरीज के तीन बार खांसते हुए आवाज एप पर रिकॉर्ड की जाती है।10 सेकेंड की रिकॉर्डिंग में 5 स्वर अक्षर के उच्चारण को भी रिकॉर्ड किया जाता है।
79 सैंपल का क्लेक्शन करने का निर्देश : यक्ष्मा कार्यालय में कार्य करने वाले अनिल कुमार ने बताया जिले के सभी 21 प्रखंड से 79 सैंपल करने का निर्देश दिया गया जिसमें अंधराठाढ़ी में 3, बाबूबरही में 3, बासोपट्टी में 3, बेनीपट्टी में 6, बिस्फी में 3, घोघरडीहा में 3, हरलाखी में 3, जयनगर में 3, झंझारपुर में 6, कलुआही 3, खज़ौली 3, खुटौना 3, लदनिया 3, लखनौर 3, लौकही 3, मधेपुर 3, मधुबनी डीटीसी 11, मधवापुर 3,पंडौल 5, फुलपरास 3 राजनगर 3 सैंपल कलेक्ट करने का निर्देश दिया गया है लक्ष्य के विरुद्ध 2 फरवरी तक 11 प्रखंडों में 28 सैंपल लिया जा चुका है शेष पर कार्य किया जा रहा है। सैंपल टीम द्वारा अपने मोबाइल में एप डाउनलोड किया गया। जिसमें मरीज के पास जाकर उनकी आवाज रिकॉर्ड की गई। इसके बाद आवाज को एप्लीकेशन के जरिए सेव कर रिसर्च सेंटर भेजा जाएगा।
मरीजों को मिलेगा लाभ : सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया आवाज के सैंपल लेने के लिए एसटीएस, एसटीएलएस,एलटी, ट्रेनिंग कराई गई है। यदि यह टेक्नोलॉजी सफल होती है तो टीबी की पहचान और इलाज काफी आसान हो जाएगा। समय की भी काफी बचत होगी। इससे मरीजों को बहुत फायदा होगा।